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वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज को न सिर्फ देश बल्कि दुनिया में भी लोग खूब फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया पर भी प्रेमानंद जी महाराज के कई वीडियो वायरल होते रहते हैं जिसमें वो लोगों को सही राह दिखाते हैं। इस वक्त उनका एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने ये बताया है कि रिलेशनशिप में रहना सही है या गलत। उन्होंने युवक और युवतियों को काफी महत्वपूर्ण सलाह दी है। (Photo: Premanand Maharaj/FB)
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दोस्ती गलत नहीं
प्रेमानंद जी महाराज ने बताया है कि दोस्ती करना गलत नहीं है। लेकिन रिलेशनशिप में रहना उचित नहीं है उन्होंने इसे पापा बताया है। ऐसे लोग भविष्य में कभी सुखी नहीं रहते हैं। उन्हें कोई न कोई परेशानी जरूर रहती है। (Photo: Pexels) -
क्या होता है रिलेसनशिप में रहने के बाद
प्रेमानंद महाराज ने युवाओं को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है। उन्होंने बताया कि इसमें धर्म का नाश, पवित्रता का नाश, बुद्धि का नाश हो जाता है। इसके साथ ही रिलेशनशिप में किसी भी तरह का मंगल है ही नहीं। साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि कब रिलेशनशिप में रहना चाहिए। (Photo: Pexels) -
याद रखें ये बात
आज के समय में स्कूल के बच्चे भी रिलेशनशिप की बात करते हैं। कॉलेज में भी बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड बनाने का ट्रेंड चल गया है। ऐसे लोगों के लिए प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि मित्रता कोई गलत चीज नहीं है लेकिन युवाओं को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और अपने जीवन में पवित्रता बनाए रखें। (Photo: Pexels) -
ऐसे लोग क्या बनते हैं?
लिव इन रिलेशनशिप को लेकर प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि, ये दूसरे के और अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। ऐसे लोग न तो देशभक्त बन सकते हैं न माता-पिता के भक्त और न ही भगवान के भक्त बन सकते हैं। ऐसे लोगों का जीवन कूड़ा हो जाता है। (Photo: Pexels) -
शारीरिक संबंधों पर क्या बोलें?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, विवाह से पहले शारीरिक संबंधों के विचार से भी दूर रहना चाहिए। उनका मानना है कि इससे न केवल ऐसे लोगों का नैतिक पतन होता है बल्कि इससे भविष्य में बड़ी हानि भी हो सकती है। -
कब बनाना चाहिए शारीरिक संबंध?
महाराज जी के मुताबिक, युवाओं को तब तक किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए जब तक उनके माता-पिता की अनुमति से विवाह संस्कार संपन्न न हो जाए। (Photo: Pexels) -
युवाओं के लिए खास संदेश
जो युवा अपनी पढ़ाई और करियर के समय रिलेशनशिप में आ जाते हैं उनके लिए प्रेमानंद जी महाराज का ये खास संदेश है। उन्होंने इसे आत्म-संयम और ब्रह्मचर्य का सबसे बड़ा सुख बताया है जो जीवन में स्थायी संतुष्टि और शांति का स्रोत हो सकता है। (Photo: Pexels) -
प्रेमानंद जी महाराज ने यह भी बताया है कि दूसरों के देखकर ऐसा कदम कभी नहीं उठाना चाहिए। हमें अपने पर संयम रखना चाहिए। (Photo: Pexels)
