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मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव का राजनीति में पहला कदम 2009 में पड़ा था। बता दें कि अखिलेश को राजनीति में उतारने का पहला कदम मुलायम सिंह ने नहीं, बल्कि अमर सिंह ने बढ़ाया था। ( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/mulayam-singh-yadav-son-akhilesh-yadav-gave-up-touching-feet-at-the-behest-of-janeshwar-mishra/1714869/ "> सबके पैर छू लिया करते थे अखिलेश यादव, पिता मुलायम सिंह के इस दोस्त के कहने पर बदली आदत</a> )
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अमर सिंह ही अखिलेश यादव को पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका देने में ख़ास भूमिका निभाई थी। जब 2007 में समाजवादी पार्टी मायावती से हार गई थी। इसके बाद अमर सिंह ने अपने लोदी स्टेट वाले निवास पर भोज के बहाने एक बैठक रखी थी।
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'कनटेंडर्स- हू विल लीड इंडिया टुमॉरो' किताब लिखने वाली प्रिया सहगल के अनुसार हैं,इस भोज में मुलायम सिंह के अलावा जया प्रदा, जया बच्चन और राम गोपाल यादव भी मौजूद थे। इसी भोज में अमर सिंह ने कहा था कि नए युग की राजनीति के लिए नए युग के नेताओं की ज़रूरत है। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/when-akhilesh-yadav-accused-amar-singh-of-spoiling-the-habit-of-mulayam-singh-yadav/1713898/"> खाट पर सोने वाले मेरे बाप को फाइव स्टार की आदत लगा दी- जब अमर सिंह पर निकला था अखिलेश यादव का गुस्सा </a> )
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इसके लिए उन्होंने अपनी जुड़वां बेटियों की बात का जिक्र बैठक में किया था। उन्होंने बताया था कि युवाओं के मन की बात जानने के लिए वह अपने बच्चों से बात करते हैं। एक बार उन्होंने अपनी बेटियों से पूछा था कि उन्हें टीवी पर कौन से सीरियल देखना पसंद है तो दोनों का एक जवाब था कि वह 'हाना मोन्टाना देखना चाहती हैं।
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इसी का उदाहरण लेकर बैठक में अमर सिंह से कहा था कि वह अपने बच्चों के ज़रिए नई पीढ़ी के लोगों के साथ संपर्क में हैं और उन्हें पता है कि आज का युवा राजनीति में भी परिवर्तन चाहता है। अमर सिंह ने कहा कि इसलिए वह पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अखिलेश यादव का नाम प्रस्तावित कर रहे हैं। ( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/picture-gallery/mulayam-singh-yadav-second-wife-daughter-in-law-aparna-yadav-revaled-secrets-about-akhilesh-yadav-and-rajlakshmi-yadav-mil-dimple-yadav/1710891/"> अखिलेश यादव मीठे के दीवाने तो डिंपल हैं बेहद गुस्सैल, मुलायम सिंह की छोटी बहू ने खोले थे कई राज</a> )
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बता दें कि उस भोज में शामिल मुलायम सिंह के अलावा सभी लोग अखिलेश के नाम पर मोहर लगा दिए थे लेकिन मुलायम सशंकित नजर आए थे। मुलायम नहीं चाहते थे कि पार्टी के अगले नेता के चुनाव का आधार 'हाना मोन्टाना' देखने के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि वो इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र से सलाह ले कर ही कोई फ़ैसला करेंगे।
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जनेश्वर मिश्र अखिलेश को नए नेता के रूप में देखना चाहते थे और इसके बाद ही मुलायम सिंह ने अखिलेश के नाम पर अपनी मोहर लगाई थी। (All Photos: PTI and Social Media)
