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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को पीछे छोड़ देती हैं। घर और काम की जिम्मेदारियों के बीच खुद के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हल्के वजन की एक्सरसाइज (Weight Training) महिलाओं के लिए न सिर्फ फिटनेस का साधन है, बल्कि यह उनकी सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का एक बेहतरीन उपाय भी है। (Photo Source: Pexels)
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हड्डियां होंगी मजबूत और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, महिलाओं में हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक हो जाता है। हल्के वजन की एक्सरसाइज हड्डियों की मजबूती बढ़ाती है और उन्हें टूटने या कमजोर होने से बचाती है। (Photo Source: Pexels) -
मांसपेशियों में ताकत और उम्र से जुड़ी कमजोरी पर नियंत्रण
40 की उम्र के बाद महिलाओं में मांसपेशियों की ताकत कम होने लगती है। वेट ट्रेनिंग से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर चुस्त-दुरुस्त बना रहता है। यह उम्र से जुड़ी कमजोरी को काफी हद तक टाल देती है। (Photo Source: Pexels) -
वजन कंट्रोल और तेज मेटाबॉलिज्म
हल्के वजन की एक्सरसाइज मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, जिससे शरीर ज्यादा कैलोरी बर्न करता है। इसका असर वजन घटाने और मोटापे को कंट्रोल करने में साफ दिखाई देता है। (Photo Source: Pexels) -
हार्मोन बैलेंस और मूड में सुधार
महिलाओं को अक्सर हार्मोनल असंतुलन की समस्या होती है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स होते हैं। हल्के वजन की एक्सरसाइज हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है। इससे तनाव कम होता है और मूड अच्छा रहता है। (Photo Source: Pexels) -
ब्लड शुगर लेवल पर नियंत्रण
वजन वाली एक्सरसाइज ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है और डायबिटीज का खतरा घटाती है। जो महिलाएं नियमित रूप से वेट ट्रेनिंग करती हैं, उनमें शुगर लेवल लंबे समय तक संतुलित रहता है। (Photo Source: Pexels) -
आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती
एक्सरसाइज सिर्फ शरीर को नहीं बल्कि मन को भी मजबूत बनाती है। यह आत्मविश्वास बढ़ाती है और महिलाओं को मानसिक रूप से ऊर्जावान बनाती है। (Photo Source: Pexels) -
अच्छी नींद और खुशहाल मन
जो महिलाएं रोज हल्की वेट ट्रेनिंग करती हैं, उनकी नींद बेहतर होती है और मन ज्यादा शांत व प्रसन्न रहता है। (Photo Source: Pexels) -
आसान वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज
महिलाएं अपनी फिटनेस रूटीन में कुछ आसान एक्सरसाइज शामिल कर सकती हैं, जैसे –
स्क्वैट्स (Squats) – पैरों और ग्लूट्स को मजबूत करने के लिए।
लंजेस (Lunges) – पैरों और बैलेंस सुधारने के लिए।
ओवरहेड शोल्डर प्रेस (Overhead Press) – कंधों और हाथों को टोन करने के लिए।
ग्लूट ब्रिजेस (Glute Bridges) – हिप्स और लोअर बैक को मजबूत करने के लिए।
प्लैंक रो (Plank Rows) – कोर और आर्म स्ट्रेंथ के लिए। (Photo Source: Pexels)
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