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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद की कमी एक आम समस्या बन गई है। लोग काम, तनाव, सोशल मीडिया या देर रात तक मोबाइल चलाने की वजह से अपनी नींद को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद की कमी का सबसे गहरा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है? आइए जानते हैं कि नींद पूरी न होने पर दिमाग में क्या बदलाव आते हैं और यह हमारी मानसिक सेहत को कैसे प्रभावित करता है। (Photo Source: Pexels)
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दिमाग की कार्यक्षमता घटती है
जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो दिमाग की न्यूरोनल एक्टिविटी (Neuronal Activity) प्रभावित होती है। इससे एकाग्रता (Concentration) और निर्णय लेने की क्षमता (Decision-making Power) दोनों कमजोर पड़ जाती हैं। आप छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़े हो जाते हैं और किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। (Photo Source: Pexels) -
मेमोरी और सीखने की क्षमता पर असर
रिसर्च के अनुसार, नींद के दौरान दिमाग दिनभर की यादों को प्रोसेस करता है और उन्हें लंबे समय तक याद रखने लायक बनाता है। अगर नींद पूरी नहीं होती, तो यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है। परिणामस्वरूप आपकी मेमोरी कमजोर होने लगती है और नई चीजें सीखने में दिक्कत आती है। (Photo Source: Pexels) -
स्ट्रेस हार्मोन बढ़ाता है
नींद की कमी से शरीर में कॉर्टिसोल (Cortisol) नामक स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है। इससे व्यक्ति जल्दी गुस्सा करता है, उदास महसूस करता है और मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है। यही कारण है कि नींद की कमी से डिप्रेशन, एंग्जायटी और मूड स्विंग जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। (Photo Source: Pexels) -
रचनात्मक सोच और फैसले लेने की शक्ति कमजोर
जब दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, तो उसकी रचनात्मक (Creative) और विश्लेषणात्मक (Analytical) क्षमता प्रभावित होती है। नींद की कमी के कारण व्यक्ति सही और गलत में फर्क करने में भी असमर्थ हो सकता है। लंबे समय तक नींद की कमी रहने से भ्रम (Confusion) या मतिभ्रम (Hallucination) की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। (Photo Source: Pexels) -
अल्जाइमर का खतरा बढ़ाता है
कई स्टडीज में यह पाया गया है कि एक रात की खराब नींद भी दिमाग में टाउ प्रोटीन (Tau Protein) का स्तर बढ़ा सकती है। यह प्रोटीन अल्जाइमर जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जुड़ा होता है। यानी नींद की कमी केवल थकान ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक मस्तिष्क रोगों का कारण भी बन सकती है। (Photo Source: Unsplash) -
पर्याप्त नींद क्यों जरूरी है
नींद सिर्फ शरीर को आराम देने का जरिया नहीं है, बल्कि यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य, इमोशनल बैलेंस और क्रिएटिविटी को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। जो लोग रोज 7 से 8 घंटे की नींद लेते हैं, वे ज्यादा फोकस्ड, खुश और ऊर्जावान रहते हैं। (Photo Source: Pexels) -
नींद को प्रभावित करने वाली आधुनिक आदतें
आजकल शहरी लाइफस्टाइल में नींद की कमी के पीछे कई कारण हैं, जैसे— देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल, असंतुलित खानपान, देर तक जागने की आदत, ओवरटाइम या नाइट शिफ्ट में काम, और पार्टी या सोशल मीडिया में समय बिताना। इन आदतों की वजह से नींद का शेड्यूल बिगड़ जाता है और धीरे-धीरे दिमाग और शरीर दोनों प्रभावित होने लगते हैं। (Photo Source: Pexels) -
अच्छी नींद के लिए आसान टिप्स
रोज एक तय समय पर सोएं और उठें। सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल और टीवी से दूरी बनाएं। कैफीन या निकोटिन का सेवन रात में न करें। कमरे का वातावरण शांत और आरामदायक रखें। सोने से पहले रिलैक्सिंग म्यूजिक या मेडिटेशन करें। (Photo Source: Pexels)
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