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आंखें हमारे दिल की जुबां होती हैं, जो कई बार बिना शब्दों के भी बहुत कुछ कह जाती हैं। ये बिना शब्दों के भी हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त कर सकती हैं। इसी कारण से लोग अपनी आंखों को सुंदर बनाने के लिए कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से फेक आईलैशेज एक पॉपुलर ऑप्शन बन चुका है। (Photo Source: Pexels)
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आंखों को आकर्षक दिखाने के लिए फेक आईलैशेज का चलन आजकल काफी बढ़ गया है। हालांकि, ये नकली पलकें अस्थायी सुंदरता तो देती हैं, लेकिन इनके लगातार इस्तेमाल से आंखों पर गहरा प्रभाव भी पड़ सकता है। यहां हम आपको फेक आईलैशेज से होने वाली समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। (Photo Source: Pexels)
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आंखों में इर्रिटेशन का खतरा
फेक आईलैशेज लगाने के दौरान उपयोग किए जाने वाले ग्लू से कई लोगों को एलर्जी हो सकती है। इससे आंखों में जलन, खुजली और आसपास की स्किन में रेडनेस की समस्या हो सकती है। यह स्थिति तब और खराब हो सकती है, जब ग्लू में मौजूद केमिकल्स (Formaldehyde) के प्रति आंखों की संवेदनशीलता बढ़ जाए। (Photo Source: Pexels) -
आई इन्फेक्शन का बढ़ता जोखिम
फेक आईलैशेज के इस्तेमाल से पसीने और बैक्टीरिया का जमाव बढ़ सकता है, जिससे आई इन्फेक्शन का खतरा रहता है। खासकर, अगर आप अपनी फेक आईलैशेज को दूसरों के साथ शेयर करती हैं, तो संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है। इससे आंखों में खुजली, जलन और रेडनेस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। (Photo Source: Freepik) -
नेचुरल आईलैशेज को नुकसान
नकली पलकें लगाने के लिए जो ग्लू उपयोग होता है, उससे नेचुरल पलकों की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। ग्लू के केमिकल्स के कारण नेचुरल आईलैशेज कमजोर हो सकते हैं और टूट कर गिर सकते हैं, जिससे नेचुरल ब्युटी पर असर पड़ सकता है। (Photo Source: Pexels) -
आंखों में सूजन
लगातार फेक आईलैशेज का उपयोग करने से आंखों के आसपास सूजन आ सकती है। इसके पीछे ग्लू में पाया जाने वाला फॉर्मलडिहाइड केमिकल जिम्मेदार होता है, जो आंखों की सेंसिटिव स्किन को प्रभावित कर सकता है। अधिक और लंबे समय तक इसका उपयोग करने से आंखों के आसपास सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है। (Photo Source: Pexels) -
फेक आईलैशेज और सस्ते कॉस्मेटिक्स का अत्यधिक उपयोग आंखों में लुब्रिकेशन की कमी पैदा कर सकता है, जिसे ड्राई आइज कहा जाता है। इससे आंखों में खुजली, धुंधलापन और लाइट सेंसिटिविटी जैसी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं, जो लंबे समय तक आंखों को प्रभावित कर सकती हैं और कुछ मामलों में यह अंधापन का कारण भी बन सकती है। (Photo Source: Pexels)
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