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छठ महापर्व आस्था, विश्वास और प्राकृतिक का समागम है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश यानी कि पूर्वी भारत के इन राज्यों में छठ महापर्व का बेहद ही खास महत्व है। महिलाओं के लिए यह व्रत बेहद पवित्र माना जाता है। (Photo: Unsplash) छठ पर्व पर सूर्य देव को पानी में खड़े होकर क्यों दिया जाता है अर्घ्य? किसने की थी इसकी शुरुआत
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चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत सबसे कठिन और अनुशासनपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। क्योंकि, 36 घंटे तक निर्जला रहना होता है। व्रती कम तर पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस बीच काफी लोगों के मन में सवाल आता है कि कौन छठ कर सकता है और किसके लिए यह वर्जित है। आइए जानते हैं इसके नियम: (Photo: Unsplash)
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1- कुंवारी कन्या कर सकती हैं या नहीं
छठ में भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। ऐसे में कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत वर्जित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य का आराधना केवल विवाहित महिला की कर सकती है। (Photo: Unsplash) -
2- कुंवारी कन्याओं को क्यों नहीं करना चाहिए छठ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता कुंती ने कुंवारी अवस्था में सूर्य भगवान की उपासना की थी और वह मां बन गई थीं। इसी के चलते कुंवारी लड़कियों को छठ व्रत करना वर्जित है। (Photo: Unsplash) -
3- पुरुष कर सकते हैं या नहीं?
पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य उपासना की शुरुआत कर्ण से मानी जाती है। कर्ण ने सूर्य देवता का व्रत किया था और वह प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य देव की उपासना करते थे और अर्घ्य देते थे। मान्यता है कि नियम के साथ छठ व्रत रखने और सूर्य देव की उपासना करने से पुरुषों को बल-वैभव प्राप्त होता है। (Photo: Unsplash) -
4- गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं या नहीं
गर्भवती महिलाओं को छठ व्रत करने से मनाही है। दरअसल, इस व्रत के दौरान 36 घंटे तक बिना पानी और अन्न के रहना होता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की दृष्टि से यह व्रत जोखिम भरा हो सकता है। क्योंकि, इस दौरान शरीर में पानी की कमी होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही बच्चे के विकास भी प्रभाव पड़ता है। (Photo: Unsplash) -
5- यह महिलाएं भी न करें
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी छठ व्रत नहीं करना चाहिए। दरअसल, इस व्रत के दौरान पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे दूध की मात्रा घट सकती है और बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। साथ ही मां की कमजोरी का असर बच्चे से स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। (Photo: Unsplash) -
6- मासिक धर्म
छठ व्रत में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान देना होता है। मान्यता है कि मासिक धर्म वाली महिलाओं को छठ व्रत नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दौरान कमजोरी की समस्या और भी बढ़ सकती है। (Photo: Unsplash) छठ में महिलाएं नाक तक सिंदूर क्यों लगाती हैं? जानिए मान्यता