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भारत के महान विद्वानों में से एक आचार्य चाणक्य द्वारा कही गई बातों को वर्तमान समय में चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं। चाणक्य नीति में कुछ ऐसे हालातों का जिक्र किया गया है जिसमें व्यक्ति को कभी भी अपना बल नहीं दिखना चाहिए। (Photo: ChatGPT) Vidur Niti: विद्यार्थियों को बर्बाद कर देती हैं यह सात चीजें, किसी दोष से कम नहीं हैं
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चाणक्य नीति के अनुसार आप कितने ही बलवान क्यों न हो लेकिन इन पांच परिस्थितियों में शांत रहना चाहिए। ऐसी स्थिति में बल दिखाने वालों को मूर्ख कहा जाता है। (Photo: ChatGPT)
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1- सामने वाला गुस्से में हो
चाणक्य नीति के अनुसार जब सामने वाला व्यक्ति गुस्से में हो तो उसके सामने बहादुरी नहीं दिखानी चाहिए। साथ ही बहस और उलझना भी नहीं चाहिए। क्योंकि, उससे वह अधिक गुस्सा हो सकता है। -
2- जब हालात आपके वश में न हो
कई बार हालात खुद के वश में नहीं होते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार जब हालात आपके वश में न हो तो उसे छोड़ देना चाहिए। ज्यादा मेहनत करने के बजाय एकांत में शांत होकर सोचें और समझें की कहां चूक हुई है। गीता उपदेश: ऐसे लोगों को कोई नहीं हरा सकता, बुरे नहीं अच्छे समय में भी याद रखें गीता के 10 उपदेश -
3- शारीरिक-मानसिक कमजोरी
जब शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से थके हो तो ऐसे में जबरदस्ती कोई काम नहीं करना चाहिए। थकान और तनाव में लिया गया फैसला अक्सर गलत साबित हो सकता है। ऐसे हालात में बहादुरी नहीं बल्कि खुद को मजबूत बनाने पर काम करना चाहिए। -
4- जब सामने वाला व्यक्ति अधिक शक्तिशाली हो
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब दुश्मन आपसे अधिक शक्तिशाली हो तो उसके सामने बहादुरी नहीं दिखानी चाहिए। ऐसे दुश्मन से सीधा टकराना बेवकूफी कहलाता है। -
5- अधूरा ज्ञान
चाणक्य नीति के अनुसार अधूरा ज्ञान ज्यादा खतरनाक होता है। किसी काम और हालात की सही जानकारी होने के बाद ही आगे के फैसले लेने चाहिए। विदुर नीति: कामयाबी के गुण, ऐसे सात लोग महान बनते हैं