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चाणक्य को ही कौटिल्य कहा जाता है। उन्होंने अर्थशास्त्र के अलावा चाणक्य नीति की भी रचना की थी। चाणक्य ने अपनी नीति में कई महत्वपूर्ण बाते बताई हैं। उन्होंने लोगों को चेताया है कि जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
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चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि मनुष्य के लिए कौन सी 6 सबसे गंभीर परिस्थितियां होती हैं। व्यक्ति इसमें बिना आग के ही अंदर से जल जाता है।
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श्लोक
कुग्रामवासः कुलहीन सेवा कुभोजन क्रोधमुखी च भार्या।
पुत्रश्च मूर्खो विधवा च कन्या विनाग्निमेते प्रदहन्ति कायम्॥ -
1- बुरे जगह पर रहना
जिस जगह पर बुरे लोग रहते हैं वहां पर निवास करने वाला व्यक्ति भी एक दिन उन्हीं की तरह हो जाता है और उनकी संगती के चलते न सिर्फ उसे बल्कि परिवार को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। -
2- बुरे लोगों की सेवा
बुरे लोगों की सेवा करने वाला व्यक्ति भी एक दिन बुरा फंसता है। ऐसे लोगों के चलते परिवार को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। -
3- अपौष्टिक भोजन
खराब भोजन करने वाले व्यक्ति का भी शरीर अंदर से एक दिन बिना आग के जल जाता है। -
4- गुस्सैल पत्नी
उस व्यक्ति का भी शरीर बिना आग के जल जाता है जिसकी पत्नी हर बात पर क्रोधित हो जाती है। -
5- मूर्ख पुत्र
चाणक्य नीति के अनुसार मूर्ख या नासमझ लड़के के चलते पिता को हमेशा कष्ट मिलता है। ऐसे पिता का भी शरीर बिना आग के जल जाता है। -
6- विधवा बेटी
ऐसे व्यक्ति का भी शरीर बिना आग के जल जाता है जिसकी बेटी विधवा हो। इसका दुख न सिर्फ बेटी बल्कि पिता को भी होता है जो उसे अंदर ही अंदर खोखला करते जाती है।