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विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो हड्डियों से लेकर प्रतिरक्षा प्रणाली तक कई महत्वपूर्ण कार्यों में मदद करता है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:
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विटामिन D2 (एर्गो कैल्सिफेरॉल) – यह मुख्य रूप से पौधों और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है।
विटामिन D3 (कॉलेकैल्सिफेरॉल) – यह सूरज की किरणों से और कुछ पशु-आधारित खाद्य पदार्थों से मिलता है। (Photo Source: Freepik) -
अक्सर लोग सूरज की रोशनी में कम समय बिताते हैं, जिससे विटामिन डी की कमी हो सकती है। आइए जानते हैं कि इसे डाइट में शामिल करने से हमारे स्वास्थ्य को कौन-कौन से अद्भुत लाभ मिलते हैं। (Photo Source: Pexels)
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हड्डियों को मजबूत बनाए
विटामिन डी कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के कमजोर होने की बीमारी) और फ्रैक्चर के खतरे को कम करता है। (Photo Source: Pexels) -
इम्यून सिस्टम को मजबूत करे
यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। खासतौर पर ठंड के मौसम या फ्लू सीजन या उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिनमें विटामिन डी की कमी होती है। (Photo Source: Freepik) -
मांसपेशियों की ताकत बढ़ाए
विटामिन डी मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे संतुलन बेहतर होता है और गिरने की संभावना कम होती है। यह खासतौर पर बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है। (Photo Source: Freepik) -
दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखे
विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाता है और दांतों की मजबूती और मसूड़ों की सेहत को बनाए रखने में भी सहायक है। इससे कैविटी और मसूड़ों की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। (Photo Source: Pexels) -
डायबिटीज के खतरे को कम करे
कुछ शोधों के अनुसार, विटामिन डी इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधार सकता है, जिससे टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना कम हो सकती है। (Photo Source: Pexels) -
इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) के लक्षण कम करे
विटामिन डी आंतों में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) के लक्षणों में सुधार हो सकता है। यह पेट की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। (Photo Source: Pexels) -
डिप्रेशन में राहत दिलाए
विटामिन डी और मूड डिसऑर्डर के बीच गहरा संबंध पाया गया है। कई रिसर्च से पता चला है कि विटामिन डी की कमी से डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विटामिन डी का स्तर संतुलित रखना जरूरी है। (Photo Source: Pexels) -
मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) का खतरा घटाए
शोध के अनुसार, विटामिन डी मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) नामक न्यूरोलॉजिकल बीमारी के खतरे को कम कर सकता है और पहले से पीड़ित लोगों में इसके प्रभाव को नियंत्रित कर सकता है। (Photo Source: Freepik) -
गर्भावस्था में जटिलताओं से बचाव करे
गर्भवती महिलाओं के लिए पर्याप्त विटामिन डी लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह गर्भकालीन मधुमेह (gestational diabetes) और प्री-टर्म बर्थ (समय से पहले डिलीवरी) जैसी जटिलताओं के खतरे को कम कर सकता है। (Photo Source: Pexels) -
बच्चों में रिकेट्स से बचाव करे
रिकेट्स एक बीमारी है जो बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण होती है। यह हड्डियों को कमजोर कर देती है और उनके विकास में बाधा डालती है। विटामिन डी बच्चों की हड्डियों के सही ग्रोथ में अहम भूमिका निभाता है। (Photo Source: Freepik)
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