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1- जो असत्य है, उसकी कोई अस्तित्व नहीं और जो सत्य है, उसका कभी अभाव नहीं होता। इस सिद्धांत को ज्ञानी जानते हैं। चाणक्य नीति: राजा को भी रंक बना देती हैं ऐसी 7 जगहें , बिना देर किए तुरंत छोड़ देना चाहिए
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2- जो लोग मेरी अनन्य भक्ति से मेरी पूजा करते हैं, उनके लिए मैं योग और संपत्ति की रक्षा करता हूं।
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3- अशांत व्यक्ति को सुख कैसे मिल सकता है?
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4- देहधारी व्यक्ति द्वारा सभी कर्मों का त्याग करना असंभव है, जो कर्मफल का त्याग करता है, वह त्यागी कहलाता है। चाणक्य नीति: समय रहते पहचानें इन 4 लोगों की नीयत, जीवन में कभी नहीं खाएंगे धोखा
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5- जो सबको मुक्ति प्रदान करता है, वही साध्य होता है।
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6- शरीर कर्मों का केंद्र है, जबकि आत्मा ज्ञान का केंद्र है।
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7- तुम्हारा अधिकार केवल कर्म में है, फलों में नहीं। चाणक्य नीति: सबसे बलशाली कौन है? किन लोगों सुख की चिंता छोड़ देनी चाहिए
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8- मानव कभी भी अपने कर्तव्य कर्म से विमुक्त नहीं हो सकता।
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9- सुख और दुख, लाभ और हानि, विजय और पराजय को समान मानकर कर्म करो।
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10- शरीर कर्मों का केंद्र है, जबकि आत्मा ज्ञान का केंद्र है। अमृत के समान है गीता की ये 10 बातें, जीवन के दलदल से निकलने में होगी आसानी
