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1- न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इसके मालिक हो, यह पंच तत्वों (आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश) से बना है, एक दिन यह शरीर इन्हीं पंच तत्वों में विलीन हो जाएगा। गीता उपदेश: जीवन में आध्यात्मिक बदलाव और सफलता चाहते हैं तो याद रखें गीता के ये दस उपदेश
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2- क्रोध और लोभ आत्मा का पतन कर देते हैं।
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3- परिवर्तन ही इस सम्पूर्ण संसार का नियम है। इसलिए अपने वर्तमान पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए।
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4- जो सभी इच्छाओं को त्याग देता है, उसे ही शांति मिलती है। गीता उपदेश: असफल होने के बाद क्या करें? बुरे वक्त को बदलने में मदद करेंगे गीता के यह 10 उपदेश
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5- सम्पूर्ण संसार में कोई भी व्यक्ति महान नहीं जन्मा होता है। उसके कर्म उसे महान बनाते हैं।
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6- मन चंचल होता है लेकिन अभ्यास और वैराग्य के जरिए उसे वश में किया जा सकता है।
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7- अहंकार से मुक्ति पाकर व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप को पहचान सकता है। विदुर नीति: सफलता के पांच नियम, हर मुसीबत में याद रखें
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8- संदेह करने वाले को न तो इस लोक में सुख मिलता है और न ही परलोक में।
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9- अपने कर्मों के परिणाम से कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता है।
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10- क्रोध और कामनाओं को नियंत्रित करने वाला ही सच्चा योगी होता है। चाणक्य नीति: ऐसे सात लोग धरती पर बोझ हैं, मनुष्य के रूप में जानवर हैं