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आयुर्वेद में शरीर और मन की सेहत के लिए पाचन तंत्र का खास महत्व माना गया है। पेट स्वस्थ हो तो पूरी सेहत अच्छी रहती है। आज के समय में गलत खानपान, तनाव और खराब लाइफस्टाइल के चलते पेट की समस्याएं आम हो गई हैं—कब्ज, गैस, अपच और सूजन जैसी परेशानियां अक्सर सुनने को मिलती हैं। (Photo Source: Pexels)
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ऐसे में अगर आप भी अपने पाचन तंत्र को मजबूत और हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो आयुर्वेद में बताए गए ट्रेडिशनल फर्मेंटेड यानी खमीरयुक्त खाद्य पदार्थ आपके लिए रामबाण साबित हो सकते हैं। (Photo Source: Pexels)
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ये न सिर्फ आपके पेट के माइक्रोबायोम को संतुलित करते हैं, बल्कि शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण की प्रक्रिया को भी बेहतर बनाते हैं। यहां हम बता रहे हैं 7 ऐसे आयुर्वेदिक फर्मेंटेड फूड्स के बारे में जो पेट की लगभग हर परेशानी का समाधान हैं—
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तक्र (मट्ठा या छाछ)
दही को पानी और मसालों के साथ मथ कर बनाया जाता है तक्र। यह शरीर को ठंडक देता है, पेट की गर्मी शांत करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह विशेष रूप से पित्त दोष वालों के लिए फायदेमंद होता है। गर्मियों में डिटॉक्स के लिए बेहतरीन। (Photo Source: Unsplash) -
कांजी
काली गाजर से बनने वाली यह खट्टी-तीखी ड्रिंक न सिर्फ स्वाद में जबरदस्त होती है, बल्कि प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है। कांजी लिवर को डिटॉक्स करती है, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है और इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है। (Photo Source: Unsplash) -
इडली और डोसा बैटर
चावल और उड़द दाल के मिश्रण को खमीर उठाकर बनाया जाता है इडली और डोसे का बैटर। यह हल्का होता है, जल्दी पचता है और आंतों के लिए लाभकारी बैक्टीरिया से भरपूर होता है। सुबह के नाश्ते में इडली-डोसा लेना पेट को हेल्दी बनाए रखने का आसान तरीका है। (Photo Source: Unsplash) -
आंवला मुरब्बा (फर्मेंटेड आंवला)
गुड़ या शहद में भिगोकर रखे गए आंवले से बना मुरब्बा आयुर्वेदिक टॉनिक की तरह काम करता है। यह विटामिन C का अच्छा स्रोत है, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और वात, पित्त और कफ—तीनों दोषों को संतुलित करता है। (Photo Source: Unsplash) -
अचार (फर्मेंटेड अचार)
सरसों के तेल, नमक, मसालों और धूप में तैयार किया गया पारंपरिक अचार न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पेट की सेहत को भी बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद खमीर शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है। बाज़ार के प्रिज़र्वेटिवयुक्त अचार से बेहतर है घर का बना अचार। (Photo Source: Pexels) -
बाटी चोखा फर्मेंट (बिहार स्पेशल)
बिहार का पारंपरिक भोजन जिसमें चोखे को फर्मेंट किया जाता है सरसों के तेल और मसालों के साथ। यह पाचन क्रिया को तेज करता है, शरीर को डिटॉक्स करता है और आंतों को स्वस्थ बनाता है। यह अक्सर लिट्टी या चावल के साथ खाया जाता है। (Photo Source: Unsplash) -
ढोकला (फर्मेंटेड बेसन केक)
गुजरात की यह हल्की-फुल्की डिश भले ही स्टीम्ड हो, लेकिन इसका बेसन पहले से फर्मेंट किया गया होता है। इससे यह न केवल जल्दी पचता है बल्कि मेटाबॉलिज़्म को भी बूस्ट करता है। सुबह या शाम के नाश्ते में एक हेल्दी ऑप्शन। (Photo Source: Unsplash) -
आयुर्वेदिक फर्मेंटेड फूड्स क्यों होते हैं फायदेमंद?
यह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया (गट माइक्रोबायोम) को बढ़ाते हैं, शरीर की सूजन को कम करते हैं, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं, शरीर के दोषों (वात, पित्त, कफ) के अनुसार शरीर को संतुलित करते हैं, और पेट की समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, एसिडिटी को प्राकृतिक रूप से ठीक करते हैं। (Photo Source: Pexels)
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