-
व्यापमं घोटाले के आरोपी रिंकू का शव 21, अप्रैल, 2013 को घर में पंखे से लटका मिला। पुलिस ने इसे खुदकुशी बताया जबकि परिजनों ने उसके कान और मुंह में खून और सिर में चोट का निशान बताते हुए इससे इनकार किया। अंत में मौत की वजह खुदकुशी ही माना गया। (फोटो: जनसत्ता)
-
देवेंद्र नागर पर घोटाले में दलाली का आरोप था। उसकी 26 दिसंबर, 2013 को मोटरसाइकिल दुर्घटना में मौत हुई। पिता आसाराम ने बताया, पूछताछ के बहाने पुलिस ने प्रताड़ित किया। पत्नी ने इसे संदेहास्पद मौत बताया। (फोटो: जनसत्ता)
-
दिनेश जाटव की 14 फरवरी, 2014 को सड़क दुर्घटना में मौत हुई। मुरैना में सिक्योरिटी गार्ड दिनेश को एक फोर व्हीलर ने टक्कर मारी। दुर्घटना में उसकी मौत हो गई जबकि उसका रिश्तेदार बच गया। परिजनों ने व्यापम घोटाले के बारे में अनभिज्ञता जताई। (फोटो: जनसत्ता)
-
अनंतराम की मौत 7 नवंबर, 2012 को कैंसर की वजह से हुई। उस पर बेटे जगदीश को आरपीएफ में नौकरी दिलाने का आरोप था। दो साल पहले डाक्टरों ने उसे कैंसर बताया था। परिवार के लोगों ने इसे सामान्य मौत बताया। (फोटो: जनसत्ता)
-
सहायक वेटरनरी अधिकारी नरेंद्र तोमर को घोटाले में भूमिका के लिए 17 फरवरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों ने इसे हत्या की घटना बताया है। (फोटो: जनसत्ता)
-
अंशुल सचान ने 2009 में ग्वालियर के सागर मेडिकल कालेज में एनबीबीएस में दाखिला लिया था। पुलिस ने उसे पीएमटी घोटाले में दलाल बताया था। 14 जून , 2010 को साचन दो सहपाठियों के साथ कार में भोपाल से सागर आ रहा था। रास्ते में कार की ट्रक हो गई। हादसे में तीनों की मौत हो गई। (फोटो: जनसत्ता)
-
ज्ञानसिंह जाटव (29) पर दलाली का आरोप था। 26, अक्तूबर, 2010 को किडनी और लीवर खराब होने से उसकी मौत हो गई। इसकी वजह उसका शराब का ज्यादा सेवन करना बताया गया। परिवार के किसी सदस्य ने घोटाले के बारे में उसकी भूमिका पर कुछ नहीं बताया। (फोटो: जनसत्ता)
-
राजेंद्र आर्य (40) ग्वालियर के सागर मेडिकल कालेज में सहायक प्रोफेसर थे। उन पर पीएमटी परीक्षा में मदद का आरोप था। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। वह जमानत पर थे। 26 जून, 2014 को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन दस बजे उनकी मौत हो गई। (फोटो: जनसत्ता)
