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भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने यहां विंबलडन में इतिहास रचा जब वह स्विट्जरलैंड की अपनी जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर ग्रैंडस्लैम महिला युगल खिताब जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी बनी। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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पेशेवर बनने के 12 साल बाद 28 साल की सानिया ने पहला महिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब जीता जब उनकी और हिंगिस की जोड़ी ने फाइनल में एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए एकाटेरिना मकारोवा और एलेना वेस्नीना की रूस की दूसरी वरीय जोड़ी को कड़े मुकाबले में 5-7, 7-6, 7-5 से हराया। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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सानिया ने इससे पहले 2003 में रूस की एलिसा क्लेबानोवा के साथ यहीं जूनियर विंबलडन चैम्पियनशिप का लड़कियों का युगल खिताब भी जीता था। सानिया 2011 में भी महिला युगल ग्रैंडस्लैम जीतने के करीब पहुंची थी जब उनकी और एलेना वेस्नीना की जोड़ी ने फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन तब इस जोड़ी को उप विजेता बनकर संतोष करना पड़ा था। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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सानिया इससे पहले 2009 में ग्रैंडस्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनी थी जब उनकी और हमवतन महेश भूपति की जोड़ी ने 2009 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन का मिश्रित युगल खिताब जीता था। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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इस दिग्गज खिलाड़ी ने इसके बाद 2012 में भी भूपति के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता जबकि 2014 में ब्रूनो सोरेस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का खिताब अपने नाम करने में सफल रही। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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कल हुए इस मुकाबले में सानिया और हिंगिस की शीर्ष वरीय जोड़ी ने जोरदार वापसी की। यह जोड़ी पहला सेट गंवाने के बाद निर्णायक सेट में भी 2-5 से पिछड़ी रही थी लेकिन इसके बाद लगातार पांच गेम जीतकर सेट अपने नाम करके खिताब जीतने में सफल रही। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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वेस्नीना ने फाइनल के दौरान सानिया और हिंगिस की जोड़ी के लिए काफी परेशानी खड़ी की और हार के बाद रूसी खिलाड़ी के चेहरे पर निराशा साफ देखी जा सकती थी क्योंकि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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हाल में समय में सानिया और हिंगिस तीसरी बार इस रूसी जोड़ी के खिलाफ फाइनल में खेली हैं और हर बार अपना दबदबा बनाने में सफल रही। इससे पहले इंडियन वेल्स और मियामी टूर्नामेंट के फाइनल में भी भारत और स्विट्जरलैंड की जोड़ी ने वेस्नीना और मकारोवा की जोड़ी को हराया था। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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सानिया ने मैच के पहले गेम में ही अपनी सर्विस गंवाई लेकिन अगले ही गेम में विरोधी जोड़ी की सर्विस तोड़कर बराबरी हासिल कर ली। दोनों जोड़ियां इसके बाद अपनी सर्विस बचाती रही जिससे पहले सेट में स्कोर 5-5 से बराबर हो गया। (फ़ोटो-रॉयटर्स)
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हिंगिस ने हालांकि 11वें गेम में अपनी सर्विस गंवा दी और मकारोवा ने अपनी सर्विस बचाते हुए रूस की जोड़ी को 1-0 से आगे कर दिया। टूर्नामेंट के दौरान सानिया और हिंगिस ने यह पहली बार सेट गंवाया था। (फ़ोटो-रॉयटर्स)