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रेलवे की आमदनी और भारी जरूरतों के बीच संतुलन साधने की चुनौती के बीच प्रभु माल भाड़े को ऊंचा कर यात्री सेवाओं को सस्ता रखने की ‘क्रॉस सबसिडी’ को घटाने के बारे में योजना का खुलासा कर सकते हैं। (फोटो: भाषा)
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साथ ही वे माल भाड़े में वृद्धि या बिना वृद्धि के वस्तुओं की कुल राष्ट्रीय ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने के उपायों की घोषणा कर सकते हैं। (फोटो: भाषा)
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सुधारक के रूप में पहचाने जाने वाले प्रभु रेलवे के लिए निजी निवेश आकर्षित करने को लेकर रूपरेखा प्रस्तुत कर सकते हैं। (फोटो: भाषा)
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नई ट्रेनों और परियोजनाओं की घोषणा को लेकर थोड़ा ठंडा रुख अपना सकते हैं। (फोटो: भाषा)
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कोष का आबंटन उन्हीं परियोजनाओं के लिए किया जाएगा जो रणनीतिक रूप से अहम हैं।
