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भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकोम ने एशियाई खेलों के फ्लाईवेट वर्ग में आज यहां कजाखस्तान की झेइना शेकेरबेकोवा के खिलाफ पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए मुकाबला जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किया और वह यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बन गईं।
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पांच बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकोम ने शेकेरबेकोवा को 2 . 0 से हराया। महिला मुक्केबाजी को एशियाई खेलों के पिछड़े सत्र में ही शामिल किया गया था और मैरीकोम ने उस बार कांस्य पदक जीता था।
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मणिपुर की यह मुक्केबाज पहले राउंड के बाद अपनी प्रतिद्वंद्वी से पिछड़ रही थी लेकिन मैरीकोम ने दूसरे राउंड में जबर्दस्त वापसी की तथा अंतिम दो राउंड में भी अपना दबदबा कायम रखा। मैरीकोम ने अपने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मैं इन खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर बहुत खुश हूं। मैं पिछड़े एशियाई खेलों में कांस्य पदक, ओलंपिक में कांस्यक जीता है और अब स्वर्ण पदक हासिल किया। मैंने अपने पारिवारिक जीवन का त्याग किया, मेरे बच्चों को छोड़कर कड़ी मेहनत की।’’
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इस मुक्केबाज ने कहा, ‘‘मेरे देशवासियों का शुक्रिया, मुझे हमेशा से स्वर्ण पदक का विश्वास था। तीन बच्चों के बाद मैं एशियाई खेलों की चैंपियन हूं। आपका बहुत धन्यवाद।’’ मैरीकोम ने कहा कि ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टीम के चयन के लिए ट्रायल्स में पिंकी जांगरा के हाथों मिली विवादित हार ने उनके लिए अतिरिक्त प्रेरणा का काम किया।
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मैरीकोम ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ट्रायल थे। इसने मुझे अपने आप को साबित करने की प्रेरणा दी और मैंने साबित किया। मैंने इसे हासिल करने के लिए दोगुनी मेहनत की। अब मैं अपने देश के लिए स्वर्ण लाकर खुश हूं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘शुरूआती दो राउंड में, मैं उसे पकड़ नहीं पाई। वह बहुत तेज और बहुत मजबूत थी। लेकिन तीसरे और चौथे राउंड में मैंने स्थिति भांप ली और मेरे लिए अपने मुक्के मारना आसान हो गया।’’ मैरीकोम ने कहा, ‘‘मैं अब :कोरिया में नवंबर में होने वाली: विश्व चैंपियनशिप के लिए तैयारी करूंगी और रियो ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश करूंगी।’’