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उच्चतम न्यायालय ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य के खिलाफ आपराधिक षड़यंत्र के आरोप हटाने का विरोध करने वाली याचिका पर आज उनसे जवाब मांगा। (एक्सप्रेस फोटो)
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मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाबरी मस्जिद मामले के एक याचिकाकर्ता हाजी महबूब अहमद द्वारा दायर एक पृथक याचिका पर भाजपा नेता और सीबीआई को नोटिस जारी किए। (एक्सप्रेस फोटो)
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अहमद ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्र में सरकार बदलने के चलते सीबीआई अपना रूख नरम कर सकती है। इससे पहले सीबीआई बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी और 19 अन्य के खिलाफ षड़यंत्र के आरोप हटाने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गई थी। (एक्सप्रेस फोटो)
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सीबीआई ने आज संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मामले में अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में ताजा शपथपत्र दायर करने के लिए समय मांगा। अदालत ने जांच एजेंसी की याचिका मंजूर करते हुए उसे जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। (एक्सप्रेस फोटो)
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इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दर्ज कराने में देरी के लिए सीबीआई की खिंचाई की थी। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के 21 मई 2010 को सुनाए फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने नेताओं के खिलाफ आरोप हटाने के विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। (एक्सप्रेस फोटो)
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उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सीबीआई की विशेष अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार और मुरली मनोहर जोशी के उच्च्पर लगे षड़यंत्र रचने के आरोपों को हटा दिया गया था। (एक्सप्रेस फोटो)
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इनके अलावा सतीश प्रधान, सी आर बंसल, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, साध्वी रितम्भरा, वी एच डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, आर वी वेदांती, परम हंस राम चंद्र दास, जगदीश मुनि महाराज, बी एल शर्मा, नृत्य गोपाल दास, धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे के खिलाफ भी आरोप हटाए गए थे। (एक्सप्रेस फोटो)
