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बी.वी प्रधान (सारांश-1984)
अनुपम खेर की 18 जुलाई को सिनेमाघरों में ‘तन्वी द ग्रेट’ रिलीज हुई थी लेकिन अहान पांडे और अनीत पड्डा स्टारर लव स्टोरी फिल्म ‘सैयारा’ की आंधी में परदे से गायब हो गई। अभिनेता हाल ही में एक्सप्रेसो के लेटेस्ट एडिशन का हिस्सा बने, जहां उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस समूह के कार्यकारी निर्देशक अनंत गोयनका के साथ अपनी पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी काफी सारी बातें शेयर की। इसी दौरान उन्होंने इस फिल्म को लेकर दुख जाहिर किया। (Photo: Indian Express) -
अनुपम खेर ने बताया कि कहा, ‘तन्वी द ग्रेट’ फिल्म को बनाने में चार साल लगें। एक साल लेखन में, एक साल संगीत में। इस फिल्म को उन्होंने ही लिखा है और निर्देशन भी किया है। लेकिन परदे पर नहीं चल सकी। अनुपम खेर भारतीय सिनेमा के वो कलाकार हैं जिन्होंने परदे पर हर किरदार जो जिया है। कभी खलनायक तो कभी पिता के रोल में उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी की छाप छोड़ी। ऐसे में आइए डालते हैं उनके 9 किरदारों पर एक नजर जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। (Photo: Indian Express)
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बी.वी प्रधान (सारांश-1984)
अनुपम ने साल 1984 में फिल्म सारांश से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। अपनी पहली ही फिल्म से वो दर्शकों के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उन्होंने 65 साल के शिक्षक बी.वी प्रधान की भूमिका निभाई थी। जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिलता है। (Photo: Indian Express) -
डॉ. माइकल डांग (कर्मा-1986)
साल 1986 में फिल्म कर्मा आई थी जिसमें दिलीप कुमार, अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ थे। इसी फिल्म में अनुपम खेर भी जो खलनायक बने थे। उनका खलनायक का एक्सपेरिमेंट सफल रहा और दर्शकों के दिलों में वो घर कर गए। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई थी। (Photo: Indian Express) -
कैलाशनाथ (इंसाफ की आवाज- 1986)
साल 1986 में ही अनुपम खेर की फिल्म इंसाफ की आवाज आई थी जिसमें वो कैलाशनाथ नामक निगेटिव किरदार में थे। इस फिल्म में रेखा, अनिल कपूर, राज बब्बर और कादर खान जैसे कलाकार थे। (Photo: Indian Express) -
एडवोकेट अमर कौल (सत्यमेव जयते- 1987)
अनुपम खेर अपने किरदार के साथ लगातार एक्सपेरिमेंट करते रहे हैं। साल 1987 में उन्होंने फिर से बदलाव करते हुए एक वकील की भूमिका निभाई। फिल्म सत्यमेव जयते में वो अमर कौल नाम के वकील के रोल में थे जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। (Photo: Indian Express) -
देओधर शास्त्री (राम लखन-1989)
राम लखन साल 1989 की सुपरहिट फिल्मों में से एक थी। इस फिल्म के लिए अनपुम खेर ने अपने किरदार को लेकर एक बार फिर से एक्सपेरिमेंट किया था। फिल्म में वो माधुरी दीक्षित के पिता देओधर शास्त्री के किरदार में थे। उनका हास्य किरदार था लेकिन साथ ही नेगेटिव भी था। (Photo: Indian Express) -
आनंद सरीन (डैडी- 1989)
साल 1989 में महेश भट्ट के निर्देशन में बनी फिल्म डैडी आई थी जो दूरदर्शन पर रिलीज हुई थी। इसी फिल्म से पूजा भट्ट ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। आनंद सरीन के किरदार में अनुपम खेर एक बार फिर से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे। उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए स्पेशल ज्यूरी का नेशनल अवॉर्ड मिला था। (Photo: Indian Express) -
प्रेम आनंद (लम्हे- 1991)
अनुपम खेर बड़े परदे पर लगभग हर किरदार में नजर आ चुके हैं। कॉमेडी के किरदार में भी वो दर्शकों को खूब हंसा चुके हैं। साल 1991 में अनिल कपूर और श्रीदेवी स्टारर फिल्म लम्हे में अनुपम खेर कॉमेडी करते दिखे थे। इसके लिए उन्हें बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। (Photo: Indian Express) -
प्रकाश राठौड़ (अ वेडनस-डे- 2008)
अनुपम खेर के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक अ वेडनस-डे भी है जिसमें वह पुलिस कमिश्नर प्रकाश राठौड़ के किरदार में थे। उन्हें इस फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवॉर्ड से नवाजा गया था। (Photo: Indian Express) -
पुष्कर नाथ पंडित (द कश्मीर फाइल्स-2022)
साल 2022 में विवेक अग्निहोत्री के डायरेक्शन में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स में अनुपम खेर ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से हर किसी का दिल जीत लिया था। इस फिल्म में वो कश्मीरी पंडित के रोल में थे जिसका परिवार आतंकियों के आतंक के चलते कश्मीर से पलायन के लिए मजबूत हो जाता है। (Photo: Anupam Kher/FB) डायरेक्टर फिरोज अब्बास ने की अनुपम खेर की तारीफ, सुनकर छलक पड़े अभिनेता के आंसू | EXPRESSO