बिहार के सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में उनकी पत्नी ने दावा किया है कि शहाबुद्दीन ने रंजन को जेल में मिलने बुलाया था। रंजन ने मुलाकात से इनकार कर दिया। आशा रंजन ने कहा, ”अखबारों और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सीवान जेल में मोहम्मद शहाबुद्दीन और बिहार के एक मंत्री की मुलाकात की तस्वीरें सामने आने के कुछ दिन बाद, राजदेव को सीवान जेल से फोन आया था। कॉल करने वाले ने कहा कि शहाबुद्दीन उनसे मिलना चाहते हैं, लेकिन राजदेव ने साफ इनकार कर दिया।
आशा ने कहा कि उनके पति इस बात से परेशान नहीं दिखे और अपने काम में व्यस्त हो गए। आशा ने कहा, ”वह ऐसी चीजों के आदी हो चुके थे। एक जर्नलिस्ट के तौर पर, वह बिना डर शहाबुद्दीन से जुड़ी हर छोटी घटना रिपोर्ट करते थे। इसका यह मतलब नहीं कि उन्होंने शहाबुद्दीन के बारे में सिर्फ नेगेटिव खबरें ही रिपोर्ट कीं। आशा ने सीवान पुलिस या सीबीआई- जिसे अभी केस अपने हाथों में लेना है, से ‘मुख्य साजिशकर्ता’ का पता लगाने की अपील की है।
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46 साल के राजदेव रंजन बिहार के एक हिन्दी दैनिक अखबार के सीवान ब्यूरो प्रभारी थे। उनकी 13 मई को ऑफिस से घर लौटते समय गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। सीवान पुलिस ने अब तक लड्डन मियां- जो शहाबुद्दीन का करीबी बताया जाता है समेत करीब एक दर्जन लोगों को नामजद किया है। जेल में बंद शहाबुद्दीन को हाल ही में सीवान जेल से भागलपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया गया है।
आशा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से वेतन बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने अब तक की पुलिस जांच पर संतोष जताया है।