उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग की चुनावी रणनीति विपक्ष पर भारी पड़ी है। इस चुनाव में राजग ने विपक्ष के वोट बैंक में सेंध लगाई है। चुनाव परिणाम से इस सेंधमारी के प्रमाण सामने आते हैं। विपक्ष का दावा था कि इस चुनाव में विपक्ष को कुल 315 मत मिलेंगे, लेकिन यह आंकड़ा केवल 300 पर ही थम गया। इस चुनाव में 14 सांसद गायब रहे। इनमें बीजेडी, बीआरएस और एसएडी और निर्दलीय उम्मीदवार शामिल थे।

चौदह सांसदों के अलावा जिन सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया उन्हें भी विपक्ष के मत बैंक में सेंधमारी के तौर पर देखा जा रहा है। कई अन्य दलों ने भी विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन करने का दावा किया था। मतदान प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया था कि इस चुनाव में विपक्ष एकजुट रहा है ओर विपक्षी दलों के सभी सांसदों ने विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया है। उनका दावा था कि विपक्षी दलों से जुड़े 315 सांसदों ने विपक्षी उम्मीदवार को पसंद किया है। हालांकि जब चुनाव परिणाम सामने आया तो विपक्ष को केवल तीन सौ मत ही मिले। इस 15 मतों की कमी को ही सीधे तौर पर विपक्षी दलों के खेमे में सत्तापक्ष की सेंधमारी माना जा रहा है।

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के चुनाव के समय भी 15 मत अमान्य रहे थे। सोलहवें उपराष्ट्रपति के चुनाव में कुल 780 मत थे और इन मतों में से 725 (92.95 फीसद) सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। कुल मतों में अमान्य मतों की संख्या 15 थी। धनखड़ के सामने विपक्ष ने मारग्रेट अल्वा को मैदान में उतारा था। इस प्रकार कुल 710 मान्य मतों में से जगदीप धनखड़ को 528 और मारग्रेट अल्वा को 182 मत मिले थे। बीते चुनाव से इस चुनाव का आकलन किया जाए, तो इस चुनाव में विपक्ष को मत अधिक मिले हैं।

क्रॉस वोटिंग को लेकर बोले बीजेपी सांसद

भाजपा सांसद भागवत किशनराव कराड ने कहा कि जैसा कि हमें उम्मीद थी कि राजग जीतेगी, राजग ने अच्छे अंतर से जीत हासिल की है। विपक्षी उम्मीदवार को बहुत कम वोट मिले हैं जिसमें कुछ सांसदों ने क्रास वोटिंग की है। उनके उम्मीदवार ने खुद कहा था कि आत्म मंथन कर वोट करें, आत्म मंथन के बाद लोगों ने उन्हें पसंद नहीं किया और उन्होंने राजग को चुना।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष उपराष्ट्रपति चुनाव में पूरी तरह एकजुट खड़ा रहा। विपक्ष का प्रदर्शन निस्संदेह रूप से सम्मानजनक रहा। संयुक्त उम्मीदवार, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी ने 40 फीसद मत हासिल किए। वर्ष 2022 में विपक्ष को केवल 26 फीसद मत मिले थे। भाजपा की अंकगणितीय जीत वास्तव में नैतिक और राजनीतिक दोनों तरह से हार है। उन्होंने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई अनवरत जारी है।

2022 के मुकाबले विपक्ष को मिले अधिक वोट

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जी को भारत के नए उपराष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई। विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी जी को 40 फीसद वोट मिले। इस चुनाव में 2022 में विपक्ष के उम्मीदवार को केवल 26 फीसद वोट मिले थे। यह लड़ाई सिर्फ पद की नहीं, विचारों की है।

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राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत पर कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि दुर्भाग्य से मत खारिज हुए और विपक्ष को 300 मत मिले। विपक्ष एकजुट रहा है। विपक्ष को पहले चुनाव की तुलना में अधिक मत मिले हैं। तय अनुमान के मुताबिक 315 मत नहीं मिल पाए विपक्ष को, हालांकि बीते चुनाव की तुलना में इस बार विपक्ष का आंकड़ा बढ़ा।