एक दौर ऐसा था जब फोटो खिंचवाना किसी ‘उत्सव’ से कम नहीं होता था। शादी-ब्याह, त्योहार या परिवार का कोई खास मौका- तभी स्टूडियो जाकर तस्वीरें खिंचवाई जाती थीं। ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों में रंग भले न होते थे लेकिन उनमें एक गहराई, एक मासूमियत और एक सादगी थी। आज भी घर की पुरानी अलमारियों में रखे फोटो एलबम खोलें तो दादा-दादी और नाना-नानी की वही तस्वीरें हमें वक्त की उस गली में ले जाती हैं जहां यादों को सहेजने के लिए बस एक तस्वीर ही काफी थी।

ब्लैक एंड व्हाइट से कलर और डिजिटल तक

समय के साथ कैमरा टेक्नोलॉजी बदली। पहले रील वाले कैमरे आए फिर SLR और DSLR का दौर शुरू हुआ। ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें रंगों से भर गईं। अब किसी भी पल को कैद करने के लिए स्टूडियो की जरूरत नहीं थी। 90 के दशक तक आते-आते तस्वीरें धीरे-धीरे घरों का हिस्सा बन चुकी थीं।

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लेकिन असली क्रांति तब आई जब स्मार्टफोन ने हर हाथ में कैमरा दे दिया। अब फोटो खींचना न तो मुश्किल था और न ही महंगा। पल चाहे छोटा हो या बड़ा, हर चीज फोटो में कैद होने लगी। तस्वीरें अब सिर्फ यादें नहीं रहीं बल्कि सोशल मीडिया पर ‘लाइक और शेयर’ का जरिया भी बन गईं।

AI फोटो ट्रेंड: जादू या जोखिम?

आज का दौर फोटोग्राफी को एक नए मोड़ पर ले आया है। अब तस्वीरें सिर्फ कैमरे से नहीं बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से भी बनाई जा रही हैं। एक साधारण सी फोटो अपलोड करें, प्रॉम्प्ट दें और मिनटों में आपको 80-90 के दशक का रेट्रो लुक मिल जाएगा।

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पिछले दिनों Google Gemini Nano Banana Trend ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी। इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर महिलाएं अपनी साड़ी वाले विंटेज फोटो शेयर कर रही हैं। कुछ लोग बचपन में लौटने की कोशिश कर रहे हैं तो कुछ एआई से अपने बुजुर्ग होने का लुक देख रहे हैं। यह सब सुनने और देखने में रोमांचक है।

लेकिन सवाल यह भी है, क्या यह वाकई सुरक्षित है?

प्राइवेसी और सुरक्षा का सवाल

जब हम अपनी या अपने बच्चों की तस्वीरें एआई टूल्स पर अपलोड करते हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि ये तस्वीरें कहां सेव हो रही हैं। कौन इन्हें इस्तेमाल कर सकता है? क्या ये हमारी जानकारी के बिना कहीं और शेयर हो सकती हैं?

टेक्नोलॉजी जितनी आसान होती जाती है, उसके खतरे भी उतने ही बढ़ जाते हैं। एआई फोटो ट्रेंड हमें सुंदर तो दिखा सकता है लेकिन यह हमारी निजता को भी खतरे में डाल सकता है। सोचने वाली बात यह है कि एक तस्वीर जो कभी सिर्फ हमारे परिवार की याद होती थी, अब डिजिटल दुनिया में जाने कितने सर्वरों और एल्गोरिद्म के बीच घूम रही है।

तकनीक का सही इस्तेमाल ही असली खूबसूरती

इस बात में कोई शक नहीं कि तस्वीरें इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। वे हमें यादों से जोड़ती हैं, रिश्तों को संजोती हैं और वक्त को थाम लेती हैं। लेकिन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते समय हमें संतुलन बनाए रखना होगा।

खूबसूरत दिखने की चाह इंसानी फितरत है, लेकिन यह चाह हमें अपनी सुरक्षा और निजता भूलने पर मजबूर न कर दे। असली खूबसूरती शायद वही है, जहां तस्वीर सिर्फ चेहरा नहीं दिखाती, बल्कि उसमें भरोसा, अपनापन और सच्चाई झलकती है।