BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, जिस प्रदर्शनकारी के पास आधार कार्ड नहीं है और जिसे आंदोलनस्थल पर 5 लोग नहीं जानते वो अपने आप यहां से चला जाए। उन्होंने कहा कि आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार तीन काले कानून वापस लेकर एमएसपी पर कानून नहीं बना देती। तब तक लोग शिफ्ट में आंदोलन स्थल पर आकर अपनी सेवा देते रहे। तभी सरकार की नींद खुलेगी।
टिकैत ने कहा कि तोड़फोड़ हमारा मकसद नहीं है। हमारे वालंटियर शांतिपूर्ण तरीके से अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई आंदोलनकारी गलत हरकत या बयानबाजी करते पकड़ा गया तो उसे हम खुद पुलिस को दे देंगे। 26 जनवरी की घटना के बाद ऐसे लोग पकड़े गए थे। हमने उन्हें पुलिस को सौंप दिया था। उन्होंने सख्त ताकीद की कि गलत विचारधारा वाला व्यक्ति आंदोलन छोड़कर चला जाए।
किसान नेता ने कहा कि आज का चक्का जाम एक आदर्श की तरह से सामने आया है। हमने केवल 3 घंटे चक्का जाम किया, क्योंकि हम नहीं चाहते कि लोगों को बेवजह परेशानी हो। उन्होंने कहा कि किसान प्रतिनिधियों ने अक्टूबर तक का समय सरकार को दिया है। समय की कोई कमी नहीं है। किसान को खेत का काम है और हमें आंदोलन का काम है। अब नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है। उनका कहना था कि महीने की 7,9,11 तारीख को वह गाजीपुर में रहेंगे और 8,10,12 तारीख को दूसरी जगह पर।
किसान नेता ने कहा कि सरकार का बगैर इलाज किए दिल्ली से नहीं जाएंगे। दिल्ली की सारी कीले निकालकर जाएंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने तो हमारी मिट्टी भी कब्जा ली है, लेकिन खुशी की बात है कि देश के जवान का पहरा मिट्टी पर है। उनका इशारा उस घटना की तरफ था, जिसमें शुक्रवार को उन्होंने कीलों के पास फूल बोए थे, लेकिन जवानों ने उन फूलों को अपने कब्जे में ले लिया। टिकैत ने कहा कि अब आंदोलन में जवानों के परिवार भी शामिल होंगे। जिस परिवार का बेटा सेना में है, उसका पिता बेटे की फोटो लेकर यहां बैठेगा। उन्होंने कहा कि तस्वीर कब लानी है, ये बाद में बता देंगे।
हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा – राकेश टिकैत#ChakkaJam #farmersrprotest @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/hjEfdy4fC5
— News24 (@news24tvchannel) February 6, 2021
टिकैत ने कहा कि वह तिरंगे को मानते हैं। हमारी सीमा की रक्षा करने वाला जवान जब शहीद होता है तो तिरंगे में लिपटकर घर आता है। तिरंगे का अपमान सहन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि व्यापारी को देश से लगाव नहीं है, लेकिन बीजेपी को व्यापारी से लगाव है। उद्योगपतियों को किसान से नहीं अनाज से लगाव है। ये कील बोएंगे हम अनाज बोएंगे। किसान नेता के मुताबिक, हम बातचीत के लिए तैयार हैं पर प्रेशर में बात नहीं करेंगे।
ट्रैक्टर परेड पर उन्होंने कहा कि ये एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के खिलाफ विरोध था। एनजीटी ने कहा था कि दस साल पुराना ट्रैक्टर अब नहीं चलेगा। टिकैत ने कहा कि अब तो ये ट्रैक्टर दिल्ली में भी चल गए। सरकार उद्योगपतियों को फायदा देने के लिए ट्रैक्टर पर पाबंदी लगा रही थी। उनका कहना था कि अगला टारगेट 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली में रैली करने का है। किसानों से कहा कि अपने ट्रैक्टर पर लिखें, किसान क्रांति 2021।
टिकैत ने कहा कि सरकार को समझ में नहीं आ रहा है। वो अब भी कह रहे हैं कि हमारी बात मान लो। मांगें पूरी होने से पहले किसान घर वापस नहीं जाएगा। 2 अक्टूबर तक यहीं पर जमे रहेंगे। उन्होंने आंदोलन में शामिल लोगों से कहा कि शिफ्ट की तरह से यहां आते रहें। यहां की जनसंख्या लगातार बढ़ाते रहना है। लेकिन इसे ज्यादा भी नहीं करना है और कम भी नहीं करना है। सरकार की नींद खोलने के लिए लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है।