संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण एक विदेशी छात्र को फौरन देश छोड़ने का नोटिस मिला है। जादवपुर यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार, केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस ने यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले पौलैंड के छात्र कामिल सिनिस्की को नोटिस भेजकर तुरंत देश छोड़ने को कहा है।

बताया जा रहा है कि कामिल सिनिस्की ने कोलकाता में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हुई रैली में शिरकत की थी। गौरतलब है कि सीएए विरोध में शामिल होने के चलते किसी विदेशी छात्र को देश छोड़ने का नोटिस देने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले आईआईटी मद्रास में पढ़ने वाले एक जर्मन छात्र को भी सीएए विरोधी धरना प्रदर्शन में शामिल होने के चलते देश छोड़ने को कहा गया था। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना भी साधा था।

बीते दिसंबर में एक नॉर्वे पर्यटक ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, जिसके बाद उस पर्यटक को भी देश छोड़ने के लिए कहा गया था। पर्यटक की पहचान नॉर्वे की रहने वाली जेन मेट जोहंसन के रूप में हुई थी। जेन ने केरल के कोच्चि में सीएए के विरोध में निकाली गई रैली में शिरकत की थी। जिसके बाद पर्यटक को तुरंत देश छोड़ने के लिए कह दिया गया था। फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि पर्यटक ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है।

बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में धरने प्रदर्शन चल रहे हैं। इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, बौद्ध, सिख, पारसी, जैन और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है, जिसके चलते इसका विरोध हो रहा है। हालांकि सरकार का तर्क है कि सीएए, एनआरसी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। यही वजह है कि सरकार ने भी सीएए के मुद्दे पर समर्थन जुटाने के लिए जनसभाएं करना शुरू कर दिया है।