बनारस में योगी सरकार ने घुसने से रोका तो वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का पारा सातवें आसमान पर जा चढ़ा। राजग विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की, जिसमें भाजपा, जदयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के विधायकों ने शिरकत की, लेकिन सहनी और उनकी पार्टी के चार विधायक नदारद रहे।
राजग की बैठक में शामिल नहीं होने से पर सहनी ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा कि बिहार में राजग जैसा कुछ नहीं है। ऐसा जान पड़ता है कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का मतलब केवल जदयू और भाजपा है। ऐसी बैठक में शामिल होने का क्या फायदा, जहां सहयोगियों के विचार को नहीं सुना जाए। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि यह गठबंधन का अंदरूनी मामला है। सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे नेता हैं और बिहार में वीआईपी राजग की गठबंधन सहयोगी बनी रहेगी।
सहनी ने नीतीश को दिखाए तेवर
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भदोही जिले के अमिलहरा में प्रशासन ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को रविवार को पूर्व सांसद फूलन देवी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा स्थापित नहीं करने दी थी। प्रशासन ने प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया था और इसका अनावरण करने आ रहे वीआईपी अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी को वाराणसी हवाई अड्डे से ही वापस लौटा दिया था।
उत्तर प्रदेश में पूर्व सांसद फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित किए जाने से रोकने के एक दिन बाद सोमवार को वीआईपी के अध्यक्ष एवं बिहार में मंत्री मुकेश सहनी बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक से नदारद रहे। यह राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार को दर्शाता है।
बिहार की राजनीति में आने से पहले सहनी मुंबई में फिल्म के सेट बनाने का काम करते थे, जिसमें शाहरूख खान की प्रसिद्ध फिल्म देवदास का सेट भी शामिल है। सहनी ने बिहार की राजनीति में 2013 में एंट्री मारी थी। सहनी मल्लाहों के नए नेता बनकर उभरे और उन्हें सन ऑफ मल्लाह कहा जाने लगा।
बिहार 2020 के चुनाव में बीजेपी मुकेश सहनी की पार्टी पर खासा मेहरबान हुई है, सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा ने न केवल विकासशील इंसान पार्टी को ग्यारह सीटें दी बल्कि एक विधान परिषद की सीट देने की भी घोषणा की। लेकिन खुद सहरसा जिले की सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मुकेश सहनी हार गए थे।