त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के खिलाफ अफवाह फैलाने वाले आरोपी के गोमती जिले में स्थित पुश्तैनी घर में सोमवार (छह मई, 2019) को आग लग गई। ऐसे में उसने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) वालों ने न केवल उसका घर जलाया, बल्कि मां और छोटे भाई को भी अगवा कर लिया। अनुपम पॉल ने मंगलवार (सात मई) को इस बाबत एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “बीजेपी की घटिया प्रथाओं के खिलाफ विरोध जताने को लेकर जतनबाड़ी में मेरा पुश्तैनी घर जला दिया गया।”

अमरपुर सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर (एसडीपीओ) उत्तम बनिक ने इस बारे में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, “पॉल के घर पर आग लगी थी, लेकिन उससे पूरे घर को नुकसान नहीं हुआ। सिर्फ रसोईघर में आग लगी थी। फिलहाल हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है। हमारी तरफ से सिर्फ डायरी में सामान्य एंट्री की गई थी।” पुलिस ने इसके अलावा यह भी कहा कि अभी तक शख्स के परिजन के अगवा होने को लेकर भी कोई शिकायत नहीं दर्ज हुई है।

उधर, बीजेपी प्रवक्ता डॉ.अशोक सिन्हा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उल्टा उन्होंने कहा है कि पॉल महज पार्टी की छवि खराब करना चाहते हैं। बता दें कि पॉल उन लोगों में से हैं, जो सीएम के खिलाफ अफवाह फैलाने को लेकर पूर्व में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ऐसे लोगों ने सीएम के तलाक लेने की बात सोशल मीडिया पर फैलाई थी।

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि पॉल पर सीएम के खिलाफ जालसाजी करने, मानहानि करने और आपराधिक साजिश रचने का आरोप था, जबकि 11 दिनों से वह फरार चल रहा था। देब से जुड़ी झूठी खबर फैलाने के मसले में फिलहाल तीन अन्य लोग भी दबोचे गए हैं।

वैसे यह पहला मामला नहीं है, जब पॉल इन सब वजहों के चलते पुलिसिया कार्रवाई का शिकार हुआ हो। 2018 में सोशल मीडिया पर उसने पूर्व सीएम माणिक सरकार के लिए ‘चोर’ और ‘भिखारी’ शब्द का इस्तेमाल किया था। यही नहीं, उस पर विभिन्न मामलों में सीएम सरकार, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बीरजीत सिन्हा और रोज वैली समूह के चेयरमैन गौतम कुंडू   की छेड़खानी (एडिट की हुई) की गई तस्वीरें पोस्ट करने का आरोप भी लगा था।