टोक्यो ओलंपिक में भारत के ऐतिहासिक सफर का शनिवार को अंत हो चुका है। इस ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते हैं जिसमें एक ऐतिहासिक स्वर्ण पदक भी शामिल है। भारत के लिए इस ओलंपिक में जहां पहले दिन वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता था वहीं आखिरी दिन नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता।

आपको बता दें कल यानी 8 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक में क्लोजिंग सेरेमनी होनी है। समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे कांस्य पदक विजेता रेसलर बजरंग पूनिया। ये ओलंपिक के 121 साल के इतिहास में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हो गया है। इससे पहले भारत ने 2012 लंदन ओलंपिक में 6 मेडल जीते थे।

ये हैं टोक्यो के हीरो ?

टोक्यो में भारत के लिए पहले दिन वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत की शुरुआत शानदार तरह से की थी। इसके बाद शूटर्स और तीरंदाजों ने निराश किया लेकिन मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने ब्रॉन्ज दिलाकर देश को दूसरा मेडल दिलाया। फिर भारतीय रेसलर रवि दहिया ने भी देश को टोक्यो में दूसरा सिल्वर मेडल दिलाया।


इसके बाद बारी थी फील्ड इवेंट की जहां शटलर पीवी सिंधु ने और भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने देश के लिए कांस्य पदक जीता। फिर आज आखिरी दिन बजरंग पूनिया ने पहले कांस्य पदक जीत उसके बाद रचा गया इतिहसा जिसके सूत्रधार थे नीरज चोपड़ा। उन्होंने अपनी गोल्डेन आर्म से ऐसा भाला फेंका की उनको कोई भी पीछे नहीं छोड़ सका।


भारत को आज ओलंपिक खेलों में 13 साल बाद गोल्ड मेडल मिला है। 2008 के बाद 2021 में वो लम्हा एक बार फिर आया जब टोक्यो को खेल गांव में भारतीय राष्ट्रगान बजा। इस लम्हे को देखकर करोड़ों भारतवासियों की आंखें नम हो गईं।

भारत को मिल 10वां गोल्ड

नीरज चोपड़ा ने आज गोल्ड मेडल जीतकर भारत को ओलंपिक इतिहास का 10वां गोल्ड मेडल दिलाया है। इससे पहले भारत को टीम इवेंट में 8 और एकल स्पर्धा में एक गोल्ड मिला था। भारत ने हॉकी में 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964, 1980 में 8 गोल्ड जीते हैं और शूटिंग में 2008 में एक गोल्ड जीता है।

नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए एकल स्पर्धा में दूसरा गोल्ड जीता है। उनसे पहले बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीता था। भारत ने 1900 के पेरिस ओलंपिक के बाद 121 साल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।