भले ही आज देश में कारों के जमावड़े के चलते सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है, लेकिन एक समय कार से चलना बड़ी बात थी। देश के प्रतिष्ठित टाटा ग्रुप की स्थापना करने वाले जमशेदजी टाटा पहले ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने कार खरीदी थी। उनसे पहले भारत में सबसे पहली कार मिस्टर फॉस्टर नाम के अंग्रेज ने 1897 में खरीदी थी। इससे अगले वर्ष ही यानी 1898 में जमशेदजी टाटा कार खरीदने वाले पहले भारतीय बन गए थे। जमशेदजी टाटा ने टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज की स्थापना की थी। जमशेदजी टाटा को ‘फॉदर ऑफ इंडियन इंडस्ट्री’ भी कहा जाता है।
आगे चलकर जमशेदजी टाटा के टाटा ग्रुप ने ही दिग्गज कार कंपनी टाटा मोटर्स की स्थापना की। टाटा मोटर्स दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स में से एक है। टाटा मोटर्स बड़ी संख्या में कार, एसयूवी, बस, स्पोर्ट कार, कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट और मिलिट्री व्हीकल का निर्माण करता है। आज से 75 वर्ष पहले 1945 में जेआरडी टाटा ने टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) की स्थापना की थी। इसे ही बाद में टाटा मोटर्स के नाम से जाना गया। जेआरडी टाटा ने लोकोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग के लिए TELCO की स्थापना की। 1954 में जर्मनी की डायमलर-बैंज एजी के साथ ज्वाइंट वेंचर में टाटा मोटर्स कामर्शियल व्हीकल निर्माण के क्षेत्र में उतर गई।
1998 में टाटा मोटर्स ने देश की पहली स्वदेशी कार टाटा इंडिका बनाई थी। टाटा मोटर्स ने Tata Indica को 1999 में कंपनी ने मार्केट में उतारा था। 1998 के जेनेवा मोटर शो में टाटा मोटर्स ने Tata Indica को लांच किया था और कुछ दिन बाद इंडियन ऑटो एक्सपो में भी इसकी लॉन्चिंग कर दी गई। टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने खुद ड्राइविंग करके भारत की पहली स्वदेशी कार टाटा इंडिका की लॉन्चिंग की थी। टाटा इंडिका को हमेशा पर्सनल कार स्पेस में भारत के एंट्री के तौर पर जाना जाएगा।
टाटा ग्रुप और रतन टाटा हमेशा प्रयोगधर्मी रहे और उन्होंने देश में आम आदमी तक कार पहुंचाने के सपने को साकार करने की कोशिश करते हुए 2008 में टाटा नैनो लॉन्च की। लखटकिया कार के नाम से मशहूर हुई नैनो बहुत ज्यादा चल नहीं सकी, लेकिन रतन टाटा की यह बड़ी कोशिश थी। टाटा मोटर्स ने साउथ कोरिया के ट्रक मैन्युफैक्चरर्स डाईवो कमर्शियल व्हीकल कंपनी का 2004 में अधिग्रहण कर लिया। इसके अलावा टाटा मोटर्स ने 2008 में फोर्ड से जैगवार लैंडरोवर को भी खरीद लिया।