Surya Grahan 2017: 21 अगस्त को इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। सूर्य ग्रहण से दो सप्ताह पहले रक्षाबंधन के दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण था। सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी और सूरज के बीच चंद्रमा आ जाता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है। पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण और तीसरा वलयकार सूर्य ग्रहण। इस बार यह सूर्य ग्रहण आंशिक बताया जा रहा है। सोमवार को रात में 9.15 बजे से सूर्य ग्रहण शुरु होगा और 22 अगस्त सुबह 2.34 बजे खत्म होगा। 11.51 मिनट पर इसका मध्यकाल होगा। मध्यकाल से 12 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं। इसका मतलब हुआ है कि 21 अगस्त को दिन में करीब 12 बजे से सूतक लग जाएंगे।

हालांकि, भारत में ग्रहण के दौरान रात होगी। ऐसे में सूर्य ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा और ना ही इसका कोई असर होगा। भारत में सूतक भी नहीं लगेंगे और ना ही इसके कोई असर होंगे। जहां ग्रहण दिखता है, वहीं सूतक लगते हैं। इस बार सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्से, यूरोप के पश्चिमी-उत्तरी हिस्से, पूर्वी एशिया, उत्तर पश्चिमी अफ्रीका आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा।

ज्योतिषियों को मानना है कि बेशक भारत में सूर्य ग्रहण ना दिखे, लेकिन इसका असर राशियों पर जरूर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि इस बार ग्रहण सिंह राशि में पड़ेगा, जिसकी वजह से चंद्रमा सबसे ज्यादा पीड़ित रहेगा। ग्रहण के दौरान जो जातक सिंह लगन में खासतौर से मघा नक्षत्र में पैदा हुए हैं उन पर इसका असर सबसे ज्यादा पड़ेगा। ऐसे जातकों को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष हो और राहु-केतु की दशा चल रही हो उनके लिए भी यह ग्रहण अधिक प्रभावशाली होगा।

ग्रहण के दौरान कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सावधान रहना होता है। गर्भवती महिलाओं को कहा जाता है कि वे ग्रहण के दौरान घर में ही रहें। उन्हें ऐसे कमरे में जाने की सलाह देते हैं, जहां सूर्य की किरणें ना पहुंचे। चंद्र ग्रहण के दौरान भी ऐसे ही सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है।