आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद भारतीय क्रिकेट को पाक साफ करने का दम भरने वाले अनुभवी प्रशासक शशांक मनोहर ने दूसरी बार बीसीसीआई अध्यक्ष बनाए जाने के केवल सात महीने बाद मंगलवार (10 मई) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनका आईसीसी का पहला स्वतंत्र चेयरमैन बनना लगभग तय है। जगमोहन डालमिया के निधन के बाद दूसरी बार बीसीसीआई अध्यक्ष बनाए गए 58 साल के मनोहर ने बीसीसीआई को उस समय छोड़ा है जब बोर्ड उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति लोढ़ा पैनल की आमूलचूल बदलाव की सिफारिशों को लागू करने से रोकने की कोशिश कर रहा है।

बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर को लिखे पत्र में मनोहर ने कहा, ‘‘मैं भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद से तुरंत प्रभाव से त्यागपत्र देता हूं। मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और एशियाई क्रिकेट परिषद में बीसीसीआई के प्रतिनिधि के रूप में भी तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देता हूं जिनके लिए मुझे बीसीसीआई की आम सभा ने नामित किया था।’’

मनोहर ने कहा, ‘‘मैं अपने सभी साथियों और स्टाफ का मेरे कार्यकाल के दौरान उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं। क्रिकेट को ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिये मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।’’ मनोहर के जाने से हालांकि बीसीसीआई के कई आला अधिकारी खुश नहीं हैं जिनका मानना है कि उन्हें अंधेरे में रखा गया। बीसीसीआई ने मनोहर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और अपने कार्यकाल के दौरान क्रिकेट को सुचारू रूप से चलाने में उनके योगदान की सराहना की।

ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बीसीसीआई पुष्टि करता है कि शशांक मनोहर ने बोर्ड अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और एशियाई क्रिकेट परिषद में बीसीसीआई प्रतिनिधि के रूप में भी इस्तीफा दे दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट में मनोहर के अपार योगदान की सराहना करता है।

आईसीसी चुनाव जून के अंत में होना है जो संस्था के स्वतंत्र आडिट समिति अध्यक्ष की निगरानी में होगा और इसमें आईसीसी के सभी मौजूदा और पूर्व निदेशक उम्मीदवारी पेश करने के पात्र हैं। उम्मीदवारों को साथी आईसीसी निदेशक ही नामित कर सकता है और एक निदेशक सिर्फ एक नामांकन कर सकता है। कोई भी नामित कम से कम दो पूर्ण सदस्य निदेशकों के समर्थन से चेयरमैन पद के लिए उम्मीदवारी पेश कर सकता है।

बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार मनोहर उच्चतम न्यायालय के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे थे लेकिन न्यायालय के गर्मियों की छुट्टियों के बाद फिर से खुलने के बाद यह फैसला आएगा और विदर्भ का यह वकील इंतजार नहीं करना चाहता था।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार ठाकुर अब इस महत्वपूर्ण पद पर आसीन हो सकते हैं। आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और व्यवसायी अजय शिर्के भी पद की दौड़ में हैं। बीसीसीआई नियमों के अनुसार विशेष आम सभा (एसजीएम) की बैठक 15 दिन के अंदर बुलानी होगी। एजीएम बुलाना सचिव ठाकुर के अधिकार क्षेत्र में आता है।

नियमों के अनुरूप मनोहर ने आईसीसी चेयरमैन पद भी छोड़ दिया है क्योंकि वह क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था में बीसीसीआई प्रतिनिधि के रूप में थे और देश के बोर्ड अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने का मतलब है कि वह आईसीसी चेयरमैन नहीं रह सकते थे। उनका कार्यकाल जून 2016 में समाप्त होना था। इसके बाद उनका आईसीसी के पहले स्वतंत्र चेयरमैन का पद संभालना लगभग तय है।

बीसीसीआई के एक शीर्ष प्रशासक ने कहा, ‘‘हम सभी को अनुमान था शशांक बीसीसीआई पद से इस्तीफा देंगे। हमें इस बहस में नहीं पड़ना चाहिए कि उन्होंने एक डूबते जहाज को मझधार में छोड़ दिया या नहीं और क्या ऐसे समय में जब बीसीसीआई मुश्किल दौर से गुजर रहा है तब यह विवेकपूर्ण फैसला है।’’