दिग्गज रोजर फेडरर, मिलोस राओनिच, टामस बर्डिच, सिमोना हालेप और विक्टोरिया अजारेंका सहित कई चोटी के टेनिस खिलाड़ी इस बार रियो ओलंपिक से हट गए हैं जिससे नोवाक जोकोविच, एंडी मर्रे, राफेल नडाल और सेरेना विलियम्स की उपस्थिति के बावजूद इस खेल को ओलंपिक में बनाए रखने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
कुछ खिलाड़ी चोटिल होने तो कुछ ने जिका वायरस के कारण ओलंपिक से अपने नाम वापस लिए हैं। इनमें से सबसे बड़ा नाम 17 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन फेडरर का है। उनके अलावा पुरुष वर्ग में शीर्ष 20 में शामिल अन्य खिलाड़ियों में राओनिच, बर्डिच, डोमिनिक थीम, रिचर्ड गास्केट, जान इसनर, फेलिसियानो लोपेज और निक किर्गीयोस हैं जो रियो में नहीं दिखेंगे।
महिला वर्ग में कई खिलाड़ियों ने अपना नाम वापस ले लिया है। आस्ट्रेलियाई ओपन की उपविजेता डोमिनिका सिबुलकोवा इस सूची में जुड़ने वाला नया नाम है जो पिंडली की चोट के कारण ओलंपिक से हटी हैं। उन्हें सात से दस दिन तक के विश्राम की सलाह दी गई है। उनके स्थान पर एस्तोनिया की एनेट कोंटावीट को ड्रा में जगह मिली है। सिबुलकोवा से पहले हालेप, अजारेंका, बेलिंडा बेनसिच और कारोलिना पिलिसकोवा भी महिला एकल से हट गई हैं। मारिया शारापोवा डोपिंग के कारण दो साल का प्रतिबंध झेल रही हैं और इसलिए रियो ओलंपिक में भाग नहीं ले पाएंगी।
पाकिस्तानी दल बरमुडा, समोआ से भी छोटा : पाकिस्तान ने भले ही क्रिकेट और हॉकी में विश्वस्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया हो लेकिन रियो ओलंपिक में उसके केवल सात खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जो समोआ, पापुआ न्यूगिनी और बरमुडा जैसे छोटे द्वीपों के दलों से एक कम है। पाकिस्तान की हॉकी टीम रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही और उसके जिन सात खिलाड़ियों को ओलंपिक में जगह मिली वे ‘महाद्वीपीय कोटा’ या फिर वाइल्ड कार्ड के जरिए ही रियो पहुंच पाए हैं। निशानेबाज गुलाम मुस्तफा बाशिर, मिनाल सोहेल और जुडोका शाह हुसैन को महाद्वीपीय कोटा मिला है जबकि तैराक लियाना स्वान और हैरिस बैंडी व एथलीट महबूब अली और नजमा प्रवीण को वाइल्ड कार्ड से प्रवेश दिया गया है। पाकिस्तान ने अब तक ओलंपिक में केवल दस पदक जीते हैं। इनमें से आठ पदक उसने हाकी में हासिल किए हैं।
ओलंपिक में तरणताल की रानी बनने को तैयार है इम्मा : आस्ट्रेलिया की उभरती तैराक इम्मा मैककियोन का जीवन बचपन से लेकर अब तक अधिकतर पानी में बीता और अब यह 22 वर्षीय तैराक रियो ओलंपिक के तरणताल में धूम मचाने के लिए तैयार हैं। इम्मा के माता-पिता दोनों ने तैराकी में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया था। उनके पिता रॉन ने 1980 और 1984 ओलंपिक में हिस्सा लिया था और अब वह अपनी बेटी के कोच हैं। इम्मा के भाई डेविड भी आस्ट्रेलिया की ओलंपिक टीम में शामिल हैं और ऐसे में उनके लिए रियो ओलंपिक पारिवारिक प्रतियोगिता बन गई है।
इम्मा ने ओलंपिक की आधिकारिक वेबसाइट से कहा कि मेरे पिता ने हमेशा मुझे उपयोगी सलाह दी। मेरा भाई भी ओलंपिक में हिस्सा लेगा और इससे यह खास बन जाते हैं। रियो में मेरा लक्ष्य जितना संभव हो सके उतना तेज तैरना है। रियो ओलंपिक में इम्मा 200 मीटर फ्रीस्टाइल, 100 मीटर बटरफ्लाई, चार गुणा 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले, चार गुणा 200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले और चार गुणा 100 मीटर मेडले रिले में हिस्सा लेंगी।