कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी को असम के कामरूप मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने पेशी के लिए नोटिस भेजा है। उन्‍हें यह नोटिस राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के खिलाफ की गई टिप्‍पणी से जुड़े मानहानि के मामले में भेजा गया है। कोर्ट ने राहुल को 29 सितंबर से पहले पेश होने के लिए कहा है। बता दें कि राहुल द्वारा कथित तौर पर आरएसएस को गांधी का हत्‍यारा बताने को लेकर कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्‍हें फटकार लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी को एक संगठन की ‘‘सार्वजनिक रूप से निंदा’’ नहीं करनी चाहिए थी और अगर उन्होंने खेद नहीं जताया तो उन्हें मानहानि मामले में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की पीठ ने कहा था, ‘‘हमारा यह मानना है कि यह ऐतिहासिक रूप से सही हो सकता है लेकिन तथ्य या बयान लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए। आप सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं कर सकते। पीठ ने राहुल के भाषण पर सवाल उठाए और आश्चर्य जताया था कि ‘‘उन्होंने गलत ऐतिहासिक तथ्य का उद्धरण देकर भाषण क्यों दिया।”

वहीं, कांग्रेस ने कहा था कि राहुल गांधी आरएसएस के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर माफी नहीं मांगेंगे। राहुल अपने दावे को सही साबित करने के लिए कोर्ट में ऐतिहासिक तथ्य और सबूत पेश करेंगे। कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, ‘राहुल गांधी के माफी मांगने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसा ही सुझाव पहले भी दिया गया था, जिसे राहुल गांधी ने स्वीकार नहीं किया था। राहुल गांधी परिपक्व नेता हैं और उन्हें ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी है।’