एसवाईएल मुद्दे पर अपना संघर्ष तेज करते हुए पंजाब में कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने आज अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वहीं प्रकाश सिंह बादल सरकार ने इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के कल के फैसले के बाद कानूनी विकल्प तलाशने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद विधायक राज्य विधानसभा तक गये और विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल की अनुपस्थिति में सदन के सचिव को अपना त्यागपत्र सौंपा।
कानून के अनुसार किसी सांसद या विधायक का इस्तीफा केवल उसी स्थिति में मंजूर किया जाता है जब वह उसे व्यक्तिगत रूप से अध्यक्ष को सौंपता है। विधानसभा सचिव शशि लेखनपाल मिश्रा ने कहा कि वह त्यागपत्रों को विधानसभा अध्यक्ष को सौंप देंगे और उसे स्वीकार करना और नहीं करना उनपर निर्भर करेगा।
इस बीच बादल सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मुद्दे के अध्ययन और कानूनी विकल्पों की तलाश के लिए तीन सदस्यीय कानूनी टीम का गठन किया। पंजाब के महाधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने बताया, ‘‘एक कानूनी टीम फैसले का अध्ययन करेगी और इसके बाद राज्य सरकार को कुछ सुझाव देगी और सिफारिश करेगी।’ टीम में अतिरिक्त महाधिवक्ता कमल सहगल, विनोद भारद्वाज और रजत खन्ना शामिल हैं। अग्रवाल ने बताया, ‘‘कल शाम तक इस मुद्दे पर हम सरकार को राय देने की स्थिति में हो सकते हैं।’’