ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर गुरुवार (6 जून 2019) को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी भी हुई। मंदिर में खालिस्तान समर्थन और नॉन खालिस्तान समर्थन आपस में भीड़ गए। इसके बाद मंदिर परिस में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई।
अरदास कार्यक्रम के दौरान एक पक्ष के कुछ लोगों ने जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीरें हाथ में लेकर जमकर नारेबाजी की। मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए अरदास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
दोनों पक्ष एक-दूसरे से झड़प करने लगे तो एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने किसी तरह दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। इसके बाद माहौल को शांत कर स्थिति को कंट्रोल में किया गया।
बरसी के मौके पर मंदिर और उसके आस-पास के इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए मंदिर और आप-पास के इलाकों में पंजाब पुलिस और केंद्रीय बलों की तैनाती की गई थी। बता दें कि 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार स्वर्ण मंदिर में ही किया गया था।
क्या हुआ था ऑपरेशन ब्लू स्टार में?
1984 में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ चलाया गया था। स्वर्ण मंदिर परिसर में हजारों खालिस्तानी समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में जमा थे। कहा जाता है कि सभी उग्रवादी हथियारों से लैस थे। इसके बाद तब की इंदिरा गांधी सरकार ने सेना को ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ चलाने की अनुमति दी। जिसके बाद सेना ने मंदिर परिसर में मोर्चा संभाला। सेना और उग्र खालिस्तानी समर्थकों के बीच भीषण गोलीबारी हुई।इस गोलीबारी में 492 नागरिक और करीब 83 सैनिक मारे गए। इतनी बड़ी तादाद में लोगों के मारे जाने के बाद सिखों में नाराजगी फैल गई। इसका अंजाम ये हुआ कि सिख दंगे भड़क गए।
इंदिरा को उनके सिख अंगरक्षकों ने गोली मार दी थी
प्रधानमंत्री इंदिरा को इसी साल 31 अक्टूबर को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मार दी थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के खिलाफ देश के कई हिस्सों में दंगे भड़क गए थे। जिसके बाद देश भर में गुस्साई भीड़ ने 8000 से ज्यादा सिखों को मौत के घाट उतार दिया। जिसमें से दिल्ली में अकेले 3000 सिखों की हत्या कर दी गई। सिख समुदाय स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार से आक्रोशित था।