किसान आंदोलन पर pM नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। सर्वदलीय बैठक में मोदी ने कहा कि वह किसानों से सिर्फ एक फोन काल की दूरी पर हैं। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि मोदी खुद चाहते हैं कि किसानों की बात संजीदगी से सुना जाए। उनका यही स्टैंड सर्वदलीय बैठक में देखने को मिला है।

मोदी का कहना है कि सरकार अभी भी चाहती है कि 18 माह के लिए कृषि कानूनों को सस्पैंड करके आंदोलनरत किसानों से बात की जाए। मोदी ने 20 दलों के साथ ALL PARTY MEETING में कहा कि सरकार अपने पुराने स्टैंड पर अभी तक कायम है। ध्यान रहे कि किसानों के समर्थन में विपक्ष के 20 दलों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। आज मोदी ने सभी दलों के साथ बैठक की। सोमवार को सरकार संसद में अपना आम बजट पेश करने जा रही है।

शनिवार को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों का मसला बातचीत से ही दूर होगा। मोदी ने कहा कि किसान नेताओं संग पिछली चर्चा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि वे किसानों से केवल एक फोन दूर हैं। उनका भी यही मानना है। वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के मसलों को वार्ता के जरिए सुलझाने की लगातार कोशिश कर रही है। जोशी ने बताया, मोदी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की भी निंदा की। पीएम का कहना था कि आज के वैश्विक परिदृश्य में भारत अहम भूमिका अदा कर सकता है। सरकार गरीबों के कल्याण और राष्ट्र के उत्थान के लिए काम करना चाहती है। वह क्रेडिट नहीं बल्कि राष्ट्र की तरक्की चाहते हैं।

गौरतलब है कि संसद के कामकाज को ध्यान में रखते हुए, बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए। आमतौर पर इस तरह की सभी बैठकें संसद के सत्र से पहले होती हैं, ताकि दोनों सदनों की कार्यवाही सुगमता से हो सके।

उधर, दिल्ली की सीमा पर पिछले दो महीनों से प्रदर्शनकारी किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए डटे हुए हैं। किसान नेता शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को सदभावना दिवस के रूप में मना रहे हैं। विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर उन्होंने एक दिन का उपवास रखा।