पाकिस्तान की एक अदालत ने स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए गए मोहम्मद आमिर की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में शामिल करने के खिलाफ दायर की गई याचिका को नामंजूर कर दिया जिससे इस तेज गेंदबाज की पांच साल के प्रतिबंध के बाद वापसी की आखिरी बाधा भी दूर हो गई। 23 साल के आमिर पाकिस्तान के उन तीन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें 2010 में इंग्लैंड के टैस्ट मैच के दौरान जान बूझकर नोबाल डालने के लिए प्रतिबंधित किया गया था। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कानूनी सलाहकर न्यायमूर्ति शाहिद बिलाल हसन ने याचिका खारिज की।
रिजवी ने कहा कि मैंने पीसीबी की तरफ से मामले में शिरकत की और हमारा कहना था कि आमिर ने प्रतिबंध की अवधि पूरी कर ली है और देश के संविधान के अनुसार उसे क्रिकेट खेलने का पूरा अधिकार है। जज ने इसके बाद एक वकील मुंसिफ अवान द्वारा दायर की गई याचिका खारिज कर दी।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान के कप्तान अजहर अली ने राष्ट्रीय अभ्यास शिविर में दागी तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर को शामिल करने को लेकर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था लेकिन पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान के दखल के बाद मन बदल लिया। आमिर को दोबारा मौका दिए जाने पर पाकिस्तान क्रिकेट में विवाद गर्म है। अली और मोहम्मद हफीज ने आमिर की मौजूदगी में राष्ट्रीय शिविर में जाने से भी इनकार कर दिया था।
अली ने खान से मुलाकात करके उन्हें कप्तानी से फारिग करने की इल्तजा की लेकिन खान ने उन्हें कप्तान बने रहने के लिए मना लिया। पीसीबी ने एक बयान में कहा कि अजहर अली ने पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान से मुलाकात की। उसने इस्तीफा भी दिया लेकिन शहरयार ने इसे स्वीकार नहीं किया। अजहर अली कप्तान बने रहने पर राजी हो गए हैं।
आमिर पाकिस्तान के अनुकूलन शिविर के लिए चुने गए 26 खिलाड़ियों में से हैं। स्पाट फिक्सिंग मामले में पांच साल का प्रतिबंध समाप्त होने के बाद आईसीसी ने उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलने की अनुमति दे दी थी। आमिर ने अली और हफीज दोनों से माफी मांगी थी और कहा भी था कि अगर उन्हें लगता है कि वे दोबारा पाकिस्तान के लिए खेलने के लायक नहीं हैं तो वे खेल छोड़ने को तैयार हैं। पीसीबी अध्यक्ष ने तब हफीज और अली को शिविर में शामिल होने के लिए मना लिया था। आमिर को टीम में शामिल किए जाने को लेकर पाकिस्तानी क्रिकेट समुदाय भी गुटों में बंट गया था। कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने आमिर को टीम में शामिल किए जाने का विरोध किया था तो कई खिलाड़ियों ने उनका बचाव किया था।