पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल चार दिनों से लगातार जारी है। इस बीच ओडिशा से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां डॉक्टरों की अनदेखी की वजह से एक गर्भवती महिला की जुड़वां बच्चों समेत मौत हो गई।

मामला मयूरभंज जिले के बारीपदा स्थित पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से महिला की मौत हुई है।

यह मामला तब सामने आया जब परिजनों ने महिला के मृत शरीर को कंधे पर रखकर विरोध भी दर्ज किया। महिला का शव काले कपड़े से ढका गया था। इस दौरान परिजनों ने कुछ देर के लिए शव को बीच सड़क पर रखकर भी प्रदर्शन किया।

परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने और मुआवजे की मांग की है। वहीं मामले पर बारीपदा के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) ने कहा है कि ‘मैंने खुद सारी स्वास्थ्य रिपोर्ट्स की जांच की है। सब कुछ ठीक था पर अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीजों के होने के चलते उन्होंने इंतजार नहीं किया और वह बिना डॉक्टरों की सलाह लिए चले गए और अल्ट्रासाउंड करा लिया। जब मैंने रिपोर्ट्स देखीं तो पता चला कि जुड़वां बच्चों की पेट में ही मौत हो चुकी थी।’

वहीं अस्पताल की तरफ से इस घटना पर अबतक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गर्भवती महिला ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के खुंटा गांव की रहने वाली थी और उनका नाम बांगी मूर्मू है।

वहीं महिला के पति दशरथी मुर्मू ने कहा है कि ‘मेरी पत्नी को जब दर्द महसूस हुआ तो मैं उन्हें सरकारी अस्तपताल ले गया। इस दौरान वहां मौजूद डॉक्टरों ने हमें उचित उपचार नहीं दिया। जिसके बाद मैंने उनसे जरूरी इलाज के लिए कहा था तो मेरी उनके साथ हबस हो गई।’