राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक ने प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर को पत्र लिखकर मामले में सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष में मौजूद रहने की इजाजत मांगी है। यह जानकारी शुक्रवार को उसके वकील ने दी। फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और शीर्ष अदालत के न्यायाधीश दीपक मिश्रा को भी लिखे पत्र में कहा है कि सत्र अदालत और हाई कोर्ट ने उसका पक्ष सुनने के लिए उसे उचित मौका नहीं दिया। न्यायमूर्ति मिश्रा उसकी अपील की सुनवाई कर रही पीठ के अध्यक्ष हैं।
पत्र की प्रतियां मीडिया को उसके वकील एपी सिंह ने वितरित की। यह पत्र दो अन्य दोषियों पवन और विनय द्वारा प्रधान न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी में दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं को मामले में न्याय मित्र के पद से हटाने की मांग किए जाने के तकरीबन तीन हफ्ते बाद सामने आया है। अपनी चिट्ठी में अक्षय ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई में हिस्सा लेना चाहता है ताकि देख सके कि उसके मामले पर कैसे सुनवाई हो रही है।
उसने यह भी दावा किया कि सामूहिक बलात्कार की घटना पर बीबीसी के वृत्तचित्र के प्रसारण के बाद से उसके पूरे परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है और उसके बेटे ने प्रताड़ित किए जाने से बचने के लिए स्कूल जाना बंद कर दिया है। उसने कहा कि वृत्तचित्र में सिर्फ पीड़िता के पक्ष की कहानी दिखाई गई है जिसकी वजह से उसका परिवार अपमानित महसूस कर रहा है और उसे आशंका है कि उसके परिवार में कोई हादसा हो सकता है। उसने यह भी दावा किया कि सत्र अदालत और हाई कोर्ट ने फैसले की प्रतियां नहीं देकर और सुनवाई हिंदी में नहीं करके दोषियों के साथ अन्याय किया है। दोषी ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट उचित तरीके से उसका पक्ष सुने।
मामले में चौथा दोषी मुकेश है। उसे भी निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। इन चार दोषियों ने दिल्ली हाई कोर्ट के 13 मार्च 2014 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि उनका अपराध दुर्लभतम से दुर्लभ श्रेणी में आता है और उसने दोषियों को निचली अदालत में सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात को चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और उस पर बर्बर हमला किया था। पीड़िता की 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।