सोमवार को नार्थ-ईस्ट फोरम फॉर इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी (नेफिस) के कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आफस्पा के खिलाफ फैसले पर खुशी जाहिर की। विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर कैंडल लाइट सभा का आयोजन किया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जन विरोधी आफस्पा अधिनियम की निंदा करते हुए फैसला सुनाया है।
कैंडल लाइट मार्च में उत्तर-पूर्व क्षेत्र के आम छात्रों ने भी भारी संख्या में भागीदारी निभाकर खुशी जाहिर की। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रेखांकित किया कि अगर सशस्त्र बल का इस्तेमाल देश के आम नागरिक को मात्र संदेह के आधार पर मारने का अधिकार देता है, तो यह कानून के नियमों का उल्लंघन ही नहीं बल्कि लोकतंत्र पर भी हमला है।
सेना पर आरोप है कि आर्मड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (अफस्पा) का प्रयोग भारतीय नागरिकों पर अमानवीय तरीके से करने का आरोप है। इस अधिनियम का प्रयोग सेना अशांत इलाकों अथवा अलगाववादी या विद्रोह प्रभावित राज्यों में आम जन से पूछताछ करने, उन्हें हिरासत में रखने के व्यापक अधिकार देता है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अप्रैल 2013 में स्थापित कमेटी की ओर से जारी प्रख्यापन ने भी इस तथ्य को सत्यापित किया है कि इस अधिनियम की आड़ में मणिपुर राज्य में फर्जी मुठभेड़ की घटनाएं हुई हैं।