केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे प्रबल पटेल सहित सात लोगों को हत्या की कोशिश के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। प्रहलाद पटेल एमपी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और दमोह लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। पटेल को हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शामिल किया गया है। एसपी गुरुकरण सिंह ने बताया कि प्रबल पटेल (26) और मोनू पटेल (27) सहित 12 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, धारा 365 और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। इनमें से प्रबल पटेल सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि मोनू पटेल और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
एसपी के मुताबिक, प्रबल पटेल और मोनू पटेल के साथ करीब दो दर्जन लोगों का सोमवार रात को बैलहाई बाजार में तीन-चार युवकों से विवाद हो गया। इसके बाद आरोपियों ने युवकों से मारपीट की और इस दौरान गोली भी चलाई गई जोकि हिमांशु राठौर के हाथ में लगी। सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी प्रबल पटेल किसानी मोहल्ला गोटेगांव का निवासी है और केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे हैं। वहीं, एक अन्य आरोपी मोनू पटेल प्रहलाद पटेल के छोटे भाई जालम सिंह पटेल के बेटे हैं। जालम सिंह प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रहे हैं और फिलहाल नरसिंहपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले में राठौर के अलावा एक होमगार्ड सिपाही ईश्वर राय, राहुल राजपूत, शिवम राय और मयंक भी घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है। उन्होंने बताया कि हिमांशु राठौर और राहुल राजपूत 17 जून की रात गोटेगांव से एक शादी में शामिल होकर वापस कमोद गांव जा रहे थे। रास्ते में बैलहाई बाजार में प्रबल पटेल और उसके साथियों से उनका विवाद हो गया। इसके बाद आरोपी हिमांशु और राहुल को शिवम के घर ले गए और वहां उन्होंने शिवम, उसके पिता होमगार्ड के सिपाही ईश्वर राय और मयंक के साथ मारपीट की। पुलिस अधिकारी ने पीड़ितों के हवाले से बताया कि सभी पीड़ितों को जबरन मोनू पटेल के दफ्तर ले जाया गया और वहां भी उनके साथ मारपीट की गई।
वहीं, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के छोटे भाई और भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल ने बताया कि घटना के समय मोनू जबलपुर में था और प्रबल जबलपुर से लौट रहा था। जालम सिंह के मुताबिक, दोनों ही घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि दोनों को राजनीतिक कारणों से इस मामले में फंसाया गया है और जांच में मोनू और प्रबल की लोकेशन पता की जा सकती है। यह बच्चों के बीच का झगड़ा था और मोनू, प्रबल व उनके दोस्तों को इसमें जबरन घसीटा गया है।