पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि क्रिसमस के दिन, केंद्रीय मंत्रालय ने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी संगठन द्वारा संचालित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। ममता बनर्जी ने इनको लेकर नाराजगी जताई है और कहा है कि भले ही कानून सर्वोपरि है लेकिन मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
सोमवार को ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ”यह सुनकर हैरान हूं कि क्रिसमस पर, केंद्रीय मंत्रालय ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को सील कर दिया है। उनके 22 हजार मरीजों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया। भले ही कानून सर्वोपरि है, लेकिन मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।” रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता बनर्जी इस मुद्दे को लेकर कुछ देर बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकती हैं।
ममता के दावों पर सरकार ने दिया जवाब
वहीं, ममता बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया। मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता स्थित सस्था ने खुद भारतीय स्टेट बैंक को पत्र लिखकर अपने खातों को निलंबित करने के लिए कहा था। एक बयान में कहा गया, “एमएचए ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी भी खाते को फ्रीज नहीं किया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सूचित किया है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने खुद एसबीआई से अपने खातों को फ्रीज करने का अनुरोध किया था।”
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव सुर्जय कांत मिश्रा ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा, ”’कल क्रिसमस के दिन केंद्रीय मंत्रालय ने मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खाते सील कर दिए। सरकार ने भारत में नकदी सहित सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। कर्मचारियों सहित 22,000 मरीज भोजन के बिन और दवाओं के बिना रह गए हैं।”
इसके पहले, गुजरात में मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगा था। धर्मांतरण विवाद को लेकर संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि संस्था की ओर से चलाए जा रहे बाल गृह में रहने वाली लड़कियों को ईसाई बनाने की कोशिश की जा रही है।