बाजार में कंपनियों के बढ़ते कर्ज, कंपनियों की तरफ से निवेश पर मिलने वाले ब्याज और मूल धन के भुगतान में देरी के साथ ही निवेशकों को झटके लगने से लोगों को भरोसा डगमगाना आम है। ऐसे में यदि आप सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर रिटर्न की उम्मीद में है तो आरबीआई का सेविंग्स बॉन्ड आपके लिए एक विकल्प हो सकता है।
भारत सरकार की तरफ से आरबीआई द्वारा जारी इन बॉन्ड पर 7.75 फीसदी का रिटर्न मिलता है। हालांकि, साल 2018 में जारी ये बॉन्ड टैक्सेबल हैं। इस बॉन्ड की अवधि सात साल है। आप इसमें संचयी (cumulative) और गैर संचयी (non-cumulative) रूप से निवेश का विकल्प मिलता है। अन्य फिक्स इनकम वाले विकल्पों की तुलना में ये बॉन्ड काफी आकर्षक हैं।
निवेश की अधिकतम सीमा नहींः इसमें आप न्यूनतम 1000 रुपये के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं। इसमें निवेश की अधिकतम सीमा पर कोई रोक नहीं है। इस बॉन्ड में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) निवेश नहीं कर सकते हैं। ये बॉन्ड डिमैट फॉर्म में जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही यह निवेशक को बॉन्ड लेजर अकाउंट में क्रेडिट किए जाएंगे।
निवेश के आधार पर लोन नहीं सकते हैंः इसकी एक सीमा भी है कि आप इस निवेश के आधार पर बैंक, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से लोन नहीं ले सकते हैं। यदि आप निर्धारित अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो नॉन-क्मयूलेटिव विकल्प में आपको हाफ ईयरली भुगतान के विकल्प से साथ आकर्षक दर से ब्याज भी मिलता है।
कम्यूलेटिव बॉन्ड पर आपको बॉन्ड के मैच्योरिटी पर मूलधन के साथ ही ब्याज की राशि मिलती है। जबकि नॉन कम्यूलेटिव बॉन्ड पर आपको ब्याज हर छह महीने बाद मिल जाता है। इस बॉन्ड में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट का दावा नहीं कर सकते हैं।
ब्याज से होने वाली आय पर देना होगा टैक्सः इससे होने वाली आय पर भी आपको टैक्स देना होगा। यदि आपका ब्याज सालाना 40 हजार से अधिक है तो आपको 10 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा। यदि आप कम से कम 7 साल तक अपने पैसे को एक जगह सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आप इसमें निवेश कर सकते हैं।
सीनियर सिटिजन को लॉनइन पीरियड में छूटः हालांकि, सीनियर सिटीजन होने की स्थिति में लॉक इन पीरियड में छूट भी दी गई है। इसमें 60-70 साल, 70-80 साल और 80 साल से ऊपर के लोगों के लिए लॉक-इन पीरियड क्रमशः 6,5, और 4 साल है। यदि आप निर्धारित अवधि से पहले पैसा निकालते हैं तो आपको ब्याज की 50 फीसदी रकम पेनल्टी के रूप में देनी होगी। आप इन बॉन्ड को सरकारी बैंकों के साथ ही प्राइवेट क्षेत्रों के एचडीएफसी, आईसीआईसईआई, एक्सिस बैंक से भी खरीद सकते हैं।