उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक स्कूल में प्रार्थना के दौरान बच्चों को कलमा पढ़ाए जाने का मामला सामने आया है। रविवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने स्कूल के खिलाफ मामल दर्ज किया है। वहीं स्कूल में अभिभावकों के साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंचे हैं।मौके पर एसपी के साथ पुलिस फोर्स मौजूद है।
एसपी निशांक शर्मा ने बताया,”आज हम यहां मौके पर आए हैं। परसों इसमें आदेश दिया था कि अब कोई प्रार्थना नहीं की जाएगी सिर्फ राष्ट्रगान किया जाएगा। निर्देश मिलने पर आगे कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय पार्षद ने कहा कि सबसे पहले इस स्कूल को बंद कराएंगे। उन्होंने इस स्कूल मालिक के छह स्कूल हैं। वहां बच्चों को माइक से पढ़ाया जाता है। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि स्कूल मालिक लिखित में माफी मांगे, साथ ही यह भी लिखकर दें कि इस तरह का कृत्य कभी नहीं होगा।
सीसामऊ स्थित फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल का मामला-
घटना कानपुर के सीसामऊ इलाके में स्थित फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल की है। जहां बच्चों को नमाज के दौरान ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ पढ़ाया जा रहा था। जब छोटे बच्चे घर में इस प्रार्थना को दोहराने लगे तो माता-पिता को शक हुआ। उन्होंने बच्चों से पूछा तो बच्चों ने बताया कि स्कूल में उन्हें जबरन यह पढ़ाया जाता है। ऐसा न करने पर उन्हें फटकार लगाई जाती है। अभिभावकों का आरोप है कि उन्होंने कई बार स्कूल प्रबंधन से कलमा पढ़ाया जाने पर रोक के लिए कहा, परंतु कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
अभिभावक रोहित पांडे ने बताया कि वह नोएडा में कार्यरत हैं। दो दिन पहले उनके बच्चे ने जब फोन पर उन्हें कलमा की कुछ लाइनें सुनाई तो उन्होंने चिंता जाहिर की और नोएडा से सीधे कानपुर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि कलमा पढ़ाया जाना भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है। ऐसा करने से बच्चों में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कई बार स्कूल प्रबंधन से संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उनके स्कूल में चारों धर्मों की पूजा-अर्चना की जाती है। स्कूल प्रबंधन ने कहा है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल में कोई नमाज अदा न हो। स्कूल में प्रार्थना की जगह राष्ट्रगान ही बजाया जाएगा। न हिंदू धर्म की और न ही मुस्लिम धर्म की इबादत होगी।