ड्राइविंग करते समय हर कोई तकरीबन सजग होकर ही गाड़ी चलाता है। लेकिन कई बार दूसरों की गलती या फिर किसी विषम परिस्थितियों के चलते लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में यदि आपने अपने वाहन का बीमा करा रखा है तो आप निश्चिंत होते हैं कि आपको उनसे सहायता मिल जाएगी। कई बार बीमा कंपनियां दुर्घटना की स्थिति में बीमा कंपनियां आपके क्लेम को लटका देती हैं और आपके उपर पूरी लायबिलिटी आ जाती है। लेकिन यदि आप इन 5 मुख्य बातों का ध्यान रखते हैं तो बीमा कंपनियां हादसे के बाद आपके क्लेम को मानने से इंकार नहीं कर सकेंगी। आइये जानते हैं वो जरूरी बातें —
आपके पास होने चाहिए वैध दस्तावेज: ऐसे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज जैसे, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पेपर, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन इंश्योरेंस के काग्जात, प्रदूषण के पेपर इत्यादि होने चाहिएं। इसके अलावा सबसे जरूरी बात ये भी है कि आपने शराब न पी रखी हो, या फिर आपकी लापरवाही के चलते दुर्घटना न हुई हो।
मौके पर न करें समझौता: दुर्घटना होने के बाद लगभग सभी लोग घबड़ा जाते हैं और ऐसे में कई बार स्थितियां खुद आपके विपरित हो जाती हैं। कई बार देखा जाता है कि लोग घटनास्थल पर ही बचने के लिए पुलिस से कोई समझौता पत्र इत्यादि साइन कर लेते हैं। ध्यान रखें ऐसे किसी भी एग्रीमेंट पेपर पर आप साइन न करें। क्योंकि यदि आपके वास बीमा है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी वहन करेगी।
इन दस्तावेजों को पुलिस को सौपें: दुर्घटना होने के बाद आज कल तत्काल मौके पर पुलिस पहुंच जाती है। यदि ऐसा न भी हो तो इस बात की सूचना पुलिस को दें और अपने वाहन से जुड़े दस्तावेंजों की फोटो कॉपी पुलिस को सौपें। पुलिस किसी भी दस्तावेज के ओरिजनल पेपर देने के लिए आपको बाध्य नहीं कर सकती है। इस दौरान पुलिस और जांच एजेंसियों के साथ आपको पूरा सहयोग करना चाहिएं।
बीमा कंपनी को दे सूचना: दुर्घटना में यदि किसी भी मौत हो गई हो या फिर कोई घायल हो गया हो। ऐसी स्थिति में आप बीमा कंपनी को पूरी जानकारी दें। इसके अलावा कंपनी को अपने पॉलिसी नंबर और अन्य जानकारी भी देनी होगी। पूरे घटनाक्रम को विस्तान से बीमा कंपनी को बताएं। इस दशा में बीमा कंपनी की ये जिम्मेदारी बनती है कि वो कोर्ट में आपका मुकदमा लड़ेगी।
कोर्ट को दें सही जानकारी: यदि दुर्घटना के बाद आपके पास कोर्ट से कोई समन आता है तो घबड़ाए नहीं। ऐसी स्थिति में कोर्ट में पेश होकर आप पूरे घटनाक्रम की सही और सटीक जानकारी दें। इसके अलावा आप दुर्घटना स्थल का डायग्राम बनाकर भी कोर्ट को पूरी स्थिति से अवगत करा सकते हैं। इससे आपको केस जल्द से निपटाने में मदद मिलेगी।
नोट: किसी भी दुर्घटना की स्थिति में वाहन चालक का स्वस्थ और बेहतर होना सबसे आवश्यक होता है। यदि वाहन चालक ने शराब पी रखी है या फिर पुलिस जांच में ये सामने आता है कि वाहन चालक के लापरवाही से दुर्घटना हुई है तो, इस स्थिति में बीमा कंपनी की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है। इसके अलावा यदि चालक किसी भी तरह से मोटर व्हीकल एक्ट के किसी प्रावधान का उल्लंघन करते हुए पाए जाता है तो इस दशा में में भी उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।