हाल ही में प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमिटी फॉर इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार बढ़ाने वाली योजना को मंजूरी दे दी है। दिल्ली-हावड़ा के साथ-साथ अहमदाबाद और वड़ोदरा रूट पर भी इस ट्रेन की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट में 6,806.44 करोड़ की लागत आएगी जिसे अतिरिक्त बजट से आवंटित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा होने की उम्मीद है।

इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी और 15:30 घंटे के बजाए ट्रेनों को केवल 10 घंटे ही लगेंगे। यानी यह ट्रेन आपको साढ़े पांच घंटे पहले पहुंचा देगी। इतनी ही नहीं इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर मिशन रफ्तार को भी मदद मिलेगी और पैसेंजर ट्रेनों और माल ढुलाई वाले ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ जाएगी।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के दौरान होने वाले निर्माण कार्य से परोक्ष और अपरोक्ष रूप से करीब 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा इस परियोजना से भारी इंजीनियरिंग, इस्पात, सीमेंट, मेटल, खनन, रसद आदि में मांग बढ़ने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट को तय समय में पूरा कर लिया जाएगा ताकि प्रोजेक्ट को पूरा करने में अतिरिक्त समय और लागत ना आए।

बता दें कि दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली- मुंबई रूट  देश के व्यस्ततम रेल रूट में शामिल हैं, जिसके जरिए 30 फीसदी यात्री और 20 फीसदी माल भेजा जाता है। लिहाजा इन रूट पर यात्रा का समय कम होने से यात्रियों और रेलवे दोनों को फायदा होगा। फिलहाल इन रूट पर अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटा है। इस प्रोजेक्ट के आने से स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट से इस रूट के यात्रियों के यात्रा़ में भी कम समय लगेगा।  ट्रेन की रफ्तार बढ़ने से  नई दिल्ली कानपुर, इलाहाबाद, मुगलसराय के यात्रियों को भी अपने गंतव्य स्टेशनों पर कम समय में पहुंचने में मदद मिलेगी।

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कैबिनेट ने वैबावाडी और कोल्हापुर(अब छत्रपति शाहूजीमहाराज टर्मिनस) के बीच भी नई लाइन बनाने को भी मंजूरी दी है।ऐसा करने में लगभग 3,438.51 करोड़ की लागत आएगी। यह प्रोजेक्ट साल 2023-2024 तक पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के दौरान भी 25.86 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन होने की संभावना है।