आज(28 मार्च) देश में गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस त्यौहार को विशेष रुप से गोवा और मराठी लोग मनाते हैं। आज इस त्यौहार को मराठी समाज के लोग मनाएंगे तो वहीं कल(29 मार्च) को दूसरे समाज के लोग मनाएंगे। एक त्यौहार को दो अलग- अलग दिनों में मनाने का कारण है पंचाग में दी गई तिथियां हैं। इस त्यौहार के मनाने के पिछे कई लोगों की अलग- अलग राय है लेकिन पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इस दिन ब्रह्मांड बनाया था और मानव सभ्यता की शुरुआत हुई थी। माना जाता है कि चैत्र माह से हिन्दुओं का नववर्ष आरंभ होता है।
इस त्यौहार का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि यह दिन ‘वास्तु पूजा’ के लिए शुभ माना जाता है और नए कारोबार खोलने के लिए भी इस दिन को महत्वता दी जाती है। इस दिन महाराष्ट्र में कई सामुदायिक जुलूस भी निकालते हैं। इस त्यौहार से कई कहानियां भी जुड़ी हैं। उनमें से एक है “निर्माण का सिद्धांत”। इस दिन को लंका के राजा रावण को पराजित करने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने का दिन भी कहा जाता है। इस दिन सूर्योपासना के साथ आरोग्य, समृद्धि और पवित्र आचरण की कामना की जाती है। इस दिन घर-घर में विजय के प्रतीक स्वरूप गुड़ी सजाई जाती है। उसे नवीन वस्त्राभूषण पहनाकर शक्कर से बनी आकृतियों की माला पहनाई जाती है।
इस दिन के बारे में कहा जाता है यह दिन लोगों को भौतिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाता है। इस दिन लोग लोग स्पेशल खाना खाते हैं। इस दिन सभी अपने घरों को साफ करते हैं। लोग अपने घरों के पास रेंजली डिजाइन भी करते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं और परिवार के समारोहों का आनंद लेते हैं।
इस दिन लोग अपने शरीर पर बेसन और तेल का उबटन लगाकर नहाना आदि से शुद्ध होते हैं एवं पवित्र होकर हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प और जल लेकर भगवान ब्रह्मा के मंत्रों का उच्चारण करके पूजा करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुड़ी पड़वा के अवसर पर महाराष्ट्र के लोगों को शुभकामनाएं दी। पीएम ने लिखा, “गुड़ी पड़वा के विशेष अवसर पर महाराष्ट्र के लोगों को बधाई देता हूं। मैं आने वाले साल में खुशी, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं। “

