सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पिछले तीन वर्षों में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग में जालसाजी के जरिए बैंकिंग व्यवस्था को करीब 252 करोड़ रुपए को नुकसान पहुंचा है। लोकसभा में के. गोपाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने यह जानकारी दी। शुक्ल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचित किया है कि अप्रैल, 2014 से जून, 2017 के दौरान क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जालसाजी में 130.57 करोड़ रुपए, एटीएम/डेबिट कार्ड से संबंधित जालसाजी में 91.37 करोड़ रुपए और इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी जालसाजी में 30.01 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा।
वहीं दूसरी तरफ, सरकार ने शुक्रवार को कहा है कि बैंकों द्वारा सिक्के स्वीकार नहीं किए जाने की कई शिकायतें मिलने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से कहा है कि वे लेनदेन और विनिमय में सिक्के स्वीकार करें। लोकसभा में मोहम्मद सलीम के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आरबीआई ने सूचित किया है कि उसे जनता और कुछ संगठनों की ओर से शिकायतें मिली हैं कि बैंक सिक्के स्वीकार नहीं कर रहे हैं। आरबीआई ने बैंको को परामर्श दिया है कि वे लेनदेन और विनिमय में सिक्के स्वीकार करें।
जेटली ने कहा कि आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने तहत आने वाले बैंकों के नियंत्रकों को सभी शाखाओं में सिक्के स्वीकार करने का निर्देश दें। उन्होंने कहा कि आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों को भी परामर्श दिया गया है कि वे जनता से सिक्के स्वीकार करने के लिए अपने काउंटर खोलें। वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई के आदेशानुसार लोग बैंक शाखाओं में सिक्के बदल सकते हैं। बता दें कि संसद के शुक्रवार को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 13 बैठकें हुईं जो 61 घंटे और 48 मिनट चलीं। सत्र के दौरान निचले सदन में 16 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित हुए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी सदन में जानकारी दी और इसके बाद लोकसभा की बैठक अनिश्चिचकाल के लिए स्थगित कर दी गई।