पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन संक्रमण के कारण निधन हो गया। संक्रमित होने के बाद उन्हें रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां रात 12: 40 बजे उनका निधन हो गया।  कुछ ही साल पहले उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से उन्हें समाज कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था।

करुणा शुक्ला साल 1982 से 2013 तक भारतीय जनता पार्टी में रही थी।  1993 में वो पहली बार बीजेपी से विधायक बनी थी। मध्यप्रदेश विधानसभा में उन्हें बेस्ट विधायक का अवार्ड भी मिला था। जिसके बाद वो सांसद भी बनी थी। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया था। साल 2009 मे कांग्रेस के चरणदास ने उन्हें लोकसभा चुनाव हरा दिया था। बाद के दिनों में बीजेपी से उनका मोहभंग हो गया था। उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ राजनंदगांव से उम्मीदवार बनाया था।उनके निधन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने लिखा कि मेरी करूणा चाची यानी करुणा शुक्ला जी नहीं रही। निष्ठुर कोरोना ने उन्हें लील लिया। राजनीति से इतर उनसे आत्मीय पारवारिक रिश्ते रहे थे। उनका आशिर्वाद हमें मिलता रहा था। ईश्वर हम सबको उनका विछोह सहने की शक्ती प्रदान करें।

कांग्रेस नेताओं की तरफ से कहा गया है कि उनका अंतिम संस्कार मगंलवार को बलौदाबाजार में किया जाएगा। कोविड-19  के निमयों को ध्यान में रखते हुे किया जाएगा।

बताते चलें कि देश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 3,23,144 नए केस सामने आए हैं। वहीं इस दौरान  2,771 लोगों की मौत हुई है। इधर भारत में बढ़ते संकट को देखते हुए कई देशों की तरफ से मदद के लिए हाथ बढा़ए जा रहे हैं। अमेरिका ने हर संभव मदद करने की बात कही है।