संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सरकार से कहा कि 115 किसान प्रदर्शनकारी तिहाड़ जेल में बंद हैं। सरकार उनकी मेडिकल जांच की व्यवस्था कराए। उनका कहना था कि पड़ोसी देश भी जवान लौटा देते हैं, पर दिल्ली पुलिस किसानों को ‘छिपा रही’ है। किसान नेताओं ने बताया कि उन्होंने KEM की लीगल कमेटी का भी गठन किया है।
गौरतलब है कि 26 जनवरी की घटना के बाद दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन के बीच राजधानी किले में तब्दील हो गई है। गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बेहद कड़ कर दी गई है। गाजीपुर के अलावा टीकरी और सिंघु सीमा पर भी किसानों का जमावड़ा है, लेकिन प्रदर्शन का मुख्य केंद्र अब गाजीपुर बॉर्डर बन गया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने सीमा पर खासकर गाजीपुर बॉर्डर पर मजबूत नाकेबंदी की है। यहां तार-बाड़, नुकीले अवरोध लगाए गए हैं।
Delhi: Representatives of Samyukt Kisan Morcha met Chief Minister Arvind Kejriwal earlier today and gave him a memorandum.#FarmLaws pic.twitter.com/Er3XIFIbVC
— ANI (@ANI) February 2, 2021
दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाली रोड पर खासतौर पर 6 स्तरीय बैरिकेडिंग की गई है। सबसे आगे लोहे के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। दूसरा स्तर पर लोहे की बैरिकेडिंग का है। इन दोनों के ही ऊपर कंटीली तारें लगाई गई हैं। इसके अगले स्तर में कंक्रीट के स्लैब ढाले गए हैं। इनके बीच में सीमेंट भरकर इन्हें मजबूत किया गया है।
इस तरह सड़क के बीचों बीच एक दीवार बना दी गई है जो 3 फुट ऊंची और डेढ़ फुट चौड़ी है। इसके बाद फिर से 2 और लेयर में लोहे के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सड़क पर टायर किलर्स लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर से डाबर तिराहे की तरफ आने वाली सड़क पर भी कीलें ठोक दी हैं। गौरतलब है कि 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगा उतारने की घटना के बाद सरकार ने किसानों का बिजली पानी बंद कर दिया था। इसके विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत ने आज सड़क पर बैठकर खाना खाया। किसान नेताओं का कहना है कि शोषण बंद होने पर ही वे सरकार से बात करेंगे।