कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कुछ ऐसे नियम होते हैं जिनके चलते कोई व्यक्ति पीएफ से चक्रवृद्धि ब्याज के साथ-साथ पेंशन का लाभ भी ले सकता है। हालांकि इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए किसी भी खाताधारक के लिए जरुरी होगा कि वो अपना पीएफ खाता संचालित रखे और धन की निकासी ना करे। epfindia.gov.in पर मौजूद पेंशन के लिए ईपीएफओ नियमों के मुताबिक अगर कोई खाताधारक अपने पीएफ खाते से सेवानिवृत्त होने तक धन की निकासी नहीं करता है तो पेंशन लाभ का उठा सकता है। इसके अलावा खाताधारक अपने पीएफ खाते पर उच्च ब्याज दर का लाभ उठा सकता है, जो आगे चलकर चक्रवती ब्याज दर में बदल जाएगी।
ट्रांसेंड कंसल्टेंट्स के डायरेक्टर कार्तिक झावेरी ने ईपीएफओ के उन नियमों पर बातचीत करते हुए कहा जिनसे ईपीएफ उपभोक्ता अधिक रिटर्न और लाभ उठा सकते हैं, ‘आमतौर पर पाया जाता है कि लोग अपनी नौकरी बदलने पर पीएफ खाते से राशि निकाल लेते हैं। इस तरह पीएफ उपभोक्ता अपने खाते से सिर्फ राशि की निकासी नहीं करते बल्कि अपने खाते में जमा राशि पर मिल रहे ब्याज पर चक्रवाती ब्याज मिलने से भी वंचित हो जाते हैं।’
झावेरी के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति सेवानिवृत्त होने तक पीएफ खाते से किसी तरह की राशि की निकासी नहीं करता है तो वो ईपीएफओ नियमों के तहत पेंशन लाभ के योग्य माना जाएगा। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक पीएफ राशि अपने खाते में रखता है तो उसे व्यक्तिगत तौर पर ब्याज पर ब्याज मिलने में मदद मिलती है और आगे जाकर यह चक्रवती ब्याज में तब्दील हो जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी भी पीएफ खाताधारक को अपने पीएफ खाते को गंभीरता से लेने की जरुरत है क्योंकि यह राशि 100 फीसदी आयकर से मुक्त है। इसके अलावा पीएफ खाते में 1.5 लाख रुपए का निवेश भी आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत आयकर से मुक्त होता है।
पीएफ खाताधारकों को सेवानिवृत्त होने के बाद ही खाते से राशि की निकासी की सलाह देते हुए निवेश एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी कहते हैं, ‘सेवानिवृत्ति के बाद किसी को भी तुरंत पीएफ की राशि निकाल लेनी चाहिए। इसका कारण यह है कि सेवानिवृत्ति के बाद ईपीएफओ नियमों के तहत PF राशि आयकर दायरे में आती है।