कारोबारी अशोक सिंह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी की महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि अगर गैंगस्टर मुख्तार अंसारी उन्हें इतना ही पसंद है तो उसे यूपी कांग्रेस का मुखिया बना दें। उनका कहना है कि एक गैंगस्टर को पंजाब की कांग्रेस सरकार जिस तरह से शरण दे रही है, वह सरासर गलत है।

अशोक सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार मुख्तार के बेटे को सुरक्षा मुहैया करा रही है, जबकि वह एक ईनामी बदमाश है। उनका सवाल है कि आप क्या संदेश देना चाहते हैं। कारोबारी ने कहा कि वह डर के साए में जी रहे हैं। 2009 में मुख्तार ने उनके भाई की हत्या कराई थी, क्योंकि उसे ठेकेदारी का कमीशन नहीं दिया। इसके बाद गैंगस्टर ने उनके ड्राईवर सतबीर, राजेश राय पर हमला कराया। हमले में राजेश राय की की मौत हो गई थी। उनका आरोप है कि गैंगस्टर के इशारे पर उनसे जुड़े कई लोगों पर जानलेवा हमला करााया गया।

ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल कर मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की गाजीपुर जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में गंभीर मामले लंबित हैं, लेकिन वह दो साल से एक मामूली केस में पंजाब पंजाब की जेल में है। कोर्ट ने पंजाब सरकार, रोपड़ जेल के जेल अधीक्षक और मुख्तार अंसारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कोर्ट ने अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट भी मंगाई थी। पंजाब सरकार ने अपने जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका का विरोध किया है।

इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पंजाब सरकार द्वारा बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने का विरोध किये जाने पर सोमवार को कड़ा एतराज जताया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब सरकार एक गैंगस्टर का समर्थन कर रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ये एक बेहद गंभीर मसला है इस पर तत्काल प्रभाव से ध्यान दिया जाना चाहिए।

मुख्तार का नाम 1988 में क्राइम की दुनि‍या में पहली बार आया। तब ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के मामले में मुख्‍तार का नाम सामने आया। ठेकेदारी को लेकर 1990 में ब्रजेश सिंह गैंग से उसकी दुश्मनी हुई। दोनों के बीच कई बार खूनी जंग हुई। अक्टूबर 2005 में मऊ जिले में भड़की हिंसा के बाद उसने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और तभी से जेल में बंद है। आरोप है कि साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मुख्तार के शार्प शूटरों ने की थी। इसमें कुख्यात मुन्ना बजरंगी का नाम भी सामने आया था। 2012 में महाराष्ट्र सरकार ने मुख्तार पर मकोका लगाया। उसके खि‍लाफ हत्या, अपहरण, फिरौती जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

यूपी के मऊ से लगातार विधायक बनते आ रहे मुख्तार के परिवार की पृष्ठभूमि गौरवपूर्ण रही है। उसके दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। वे गांधी जी के बेहद करीबी माने जाते थे। दिल्ली की एक सड़क उनके नाम पर है। महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार उसके नाना थे। इतना ही नहीं उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी भी मुख्तार के रिश्ते में चाचा लगते हैं। मऊ के लोगों में उसका प्रभाव इतना ज्यादा है कि वह वहां से लगातार विधायक बनता आ रहा है। पिछले कई सालों से जेल में बंद होने के बावजूद भी कोई उसको चुनाव नहीं हरा सका है।